टीएनपी डेस्क (TNP DESK): दिवाली का त्योहार खुशियों, धन और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की विधिवत पूजा करने से घर में सुख-शांति और वैभव का वास होता है. लेकिन वास्तु और ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, यदि पूजा के लिए गलत या दोषयुक्त मूर्तियां खरीदी जाएं तो इसका उल्टा प्रभाव भी पड़ सकता है. इससे घर में सुख-समृद्धि की जगह दुर्भाग्य और आर्थिक तंगी का माहौल बन सकता है. इसलिए मूर्ति खरीदते समय इन तीन बातों का खास ध्यान रखें.

1. मूर्तियों का चेहरा एक-दूसरे की ओर न हो
अक्सर लोग ऐसी मूर्तियां खरीद लेते हैं जिनमें मां लक्ष्मी और गणेश जी एक-दूसरे की ओर देख रहे होते हैं. वास्तु शास्त्र के अनुसार, यह शुभ संकेत नहीं माना जाता. दोनों देवताओं का मुख हमेशा सामने की दिशा में होना चाहिए ताकि उनका आशीर्वाद सीधे पूजक पर पड़े.

2. टूटी या खंडित मूर्ति से करें परहेज
यदि मूर्ति का कोई भी हिस्सा, चाहे वह छोटा ही क्यों न हो, टूटा या खंडित है तो उसे कभी न खरीदें. ऐसी मूर्तियों को घर में रखना वास्तु दोष माना जाता है और यह दुर्भाग्य का कारण बन सकता है.

3. बैठी हुई लक्ष्मी जी की मूर्ति ही खरीदें
वास्तु शास्त्र में बैठी हुई लक्ष्मी को स्थिर धन और समृद्धि की प्रतीक माना गया है, जबकि खड़ी हुई लक्ष्मी को ‘चंचला’ कहा गया है, जो टिकाऊ सुख नहीं देती. इसलिए दिवाली पूजा के लिए हमेशा बैठी हुई लक्ष्मी जी की मूर्ति ही खरीदें.

यदि दिवाली पर मूर्ति खरीदते समय इन नियमों का ध्यान रखा जाए तो घर में मां लक्ष्मी और गणेश जी की कृपा बनी रहती है और जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है.