रांची(RANCHI):  निजी अस्पताल की मनमानी पर अब राज्य सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. अक्सर देखा जाता है कि अस्पताल शव को बंधक बना लेते है और पैसे की डिमांड करते है. लेकिन अब ऐसा नहीं कर सकेंगे. राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने आदेश जारी किया. इसकी जानकारी खुद स्वास्थ्य मंत्री ने दी है.अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा की अब कोई भी अस्पताल शव को बंधक नहीं रख सकेगा. ऐसा करने पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है.      

उन्होंने आगे लिखा “झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री पद की शपथ लेते ही एक बड़ी घोषणा की थी.  किसी भी परिस्थिति में मृतक का शव निजी अस्पतालों में रोक करके नहीं रखा जाएगा.  हर हाल में शव परिजनों को सौंपना अनिवार्य होगा.  इस फैसले ने राज्य के हजारों परिवारों को राहत पहुंचाई है. असमय अपनों को खोने वाले परिजनों के लिए यह निर्णय एक बड़ी संबल और सहारा बनकर सामने आया है.  इस संबंध में विभागीय आदेश जारी कर दिया गया है.

उन्होंने कहा कि वह बाद में मंत्री है पहले एक डॉक्टर है.  एक डॉक्टर होने के नाते मरीजों और उनके परिजनों के दुख, दर्द और पीड़ा को भलीभांति समझ सकते है.  उन्होंने कहा कि  अपनी आंखों से देखा है कि किस तरह अस्पताल शव को पैसे के अभाव में रोक लेते थे और परिवार लाचार, बेबस होकर अस्पतालों के दरवाजे पर बिलखते रहते थे.  तभी उन्होंने  मन में ठान लिया था कि अगर उन्हे भविष्य में कभी ऐसी जवाबदेही मिलेगी, तो वह सबसे पहले उन परिवारों को राहत देंगे.   जो आर्थिक तंगी के कारण अपनों का अंतिम संस्कार तक नहीं कर पाते.  

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का भी आभार व धन्यवाद जताया है. उन्होंने कहा कि सीएम की  दूरदर्शी सोच और जनहितकारी नेतृत्व के कारण वह स्वास्थ्य मंत्री के रूप में उनके विजन को आगे बढ़ा रहे है.  राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था में व्यापक बदलाव आया है और आने वाले दिनों में और भी क्रांतिकारी परिवर्तन देखने को मिलेंगे.  यह निर्णय केवल एक आदेश नहीं, बल्कि एक मानवीय पहल है – जो संवेदना, सहानुभूति और न्याय की बुनियाद पर आधारित है। यह कदम झारखंड में एक नई स्वास्थ्य व्यवस्था की नींव रख रहा है – जहां इंसानियत सबसे ऊपर ह. “