TNPDESK: देश में नक्सलवाद के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान चल रहा है. झारखंड से लेकर छत्तीसगढ़,तेलंगाना और महाराष्ट्र में सुरक्षा बल के जवान नक्सलियों को खोज कर जंगल में ढ़ेर कर रहे है. जवानों के एक्शन से माओवादियों में दहशत का माहौल है. यही वजह है कि अब बड़े शीर्ष माओवादी नेता हथियार डाल रहे है. पहले किशन जी की पत्नी सेंट्रल कमिटी सदस्य सुजाता ने आत्म समर्पण किया और अब किशन जी का छोटा भाई अभय उर्फ भूपति ने आत्मसमर्पण कर दिया है.

बताया जा रहा है कि कुख्यात भूपति पर छत्तीसगढ़,ओडिसा,तेलंगाना,महाराष्ट्र समेत अन्य राज्य में कुल 2.5 करोड़ का इनाम इसके उपर घोषित है. देश के टॉप माओवादियों की लिस्ट में इसका नाम सबसे ऊपर आता है. संगठन में इसपर PBM,CCM और प्रवक्ता की जिम्मेवारी दी गई है. जितने भी माओवादियों के पत्र जारी किए जाते है वह इसके द्वारा ही होता था. लेकिन अब अभय को ऐसा लगा कि अब जंगल में बचना मुश्किल है और यही वजह है कि महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में हथियार डाल दिया है.

बीच में आत्मसमर्पण को लेकर जारी किए गए पत्र पर भी बवाल खड़ा हुआ था. बीते दिनों अभय ने एक जारी किया था. जिसमें हथियार डाल कर देश की राजनीतिक दल के साथ देश को आगे बढ़ाने का जिक्र किया गया था. जिसके बाद तेलंगाना कमिटी ने इसका विरोध किया था और दूसरा पत्र जारी कर बताया था की यह उनका निजी विचार हो सकता है संगठन का नहीं है.

ऐसे में अब आत्मसमर्पण कराना बड़ी चोट मानी जा रही है. इनके साथ 60 कैडर ने भी हथियार डाला है. जिसमें कई कुख्यात माओवादी शामिल है. जिनपर अलग-अलग राज्य के थाना में सैकड़ों मुकदमे दर्ज है. जिसमें कई बड़ी वारदात भी शामिल है. सभी से फिलहाल पुलिस पूछताछ की जा रही है. इसके बाद जल्द ही मीडिया के सामने लाया जा सकता है और कई खुलासे होने की संभावना है.

लगातार हुए कार्रवाई बना आत्मसमर्पण का काराण

बताया जा रहा है कि सुरक्षा बलों की कार्रवाई के वजह से इतनी बड़ी सफलता मिली है. हाल में सेंट्रल कमिटी के कई माओवादियों को जवानों ने ढ़ेर किया है. जिसमें बसव राजू, भास्कर,प्रयाग माझी,सहदेव सोरेन को छत्तीसगढ़ से लेकर झारखंड तक अभियान में मार गिराया है. इसी का इफ़ेक्ट है कि बड़े नक्सली हथियार डाल रहे है.