टीएनपी डेस्क (TNP DESK): सियासत में संभावनाए कभी नहीं मरती, बल्कि हर समय जिंदा रहती है. झारखंड विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन शानदार रहा और उम्मीद से कही ज्यादा बेहतर किया. लेकिन पार्टी के अंदर खींचतान और उठा-पटक तो हर हालत में अपने फायदे के लिए चलते ही रहती है, क्योंकि राजनीति का यही फलसफा है. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकाअर्जुन खरगे 6 मई को झारखंड दौरे पर रांची आ रहे हैं, जहां धुर्वा में संविधान बचाओ रैली को संबोधित करेंगे. ऐसी चर्चा है कि सभा के बाद कांग्रेस की विस्तारित कार्यसमिति की बैठक में संगठनात्मक मजबूती औऱ मंत्रियों के कामकाज की समीझा की जाएगी. खराब परफोर्मेंस देने वाले नेता नप भी सकते हैं. 

कामकाज की होगी समीक्षा 

इस होने वाली बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष पार्टी के संगठन को ओर मजबूत करने की कवायद करेंगे, ताकि कांग्रेस का जनाधार प्रदेश में और तेजी से बढ़े. ऐसी खबर भी मिल रही है कि इस मीटिंग में मंत्रियों और बोर्ड-निगम के अध्यक्ष-सदस्यों के कामाकाज की समीक्षा भी की जाएगी. इसके साथ-साथ विधायकों और जिला अध्यक्षों के प्रदर्शन का भी आकलन होगा. माना जा रहा है कि संगठन के स्तर पर झारखंड कांग्रेस में बड़े बदलाव किए जा सकते हैं, जिससे न तो इंकार और न ही झुठलाया जा सकता है.  

बेहद सख्त हैं मल्लिकाअर्जुन खरगे 

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकाअर्जुन बेहद सख्त मिजाज के है, उनके तेवर पिछले दिनों बिहार के बक्सर दौरे पर ही देखने को मिला था. जब सभा में अपेक्षा से भी कम भीड़ जुटी तो जिलाध्यक्ष डॉ. मनोज पाण्डेय को न तुरंत सभी पदों से हटा दिया, बल्कि निलंबित भी कर दिया गया था. खरगे के इस तमतमाए तेवर और एक्शन को देखकर झारखंड में भी मल्लिकाअर्जुन की सभा को लेकर पार्टी के अंदर खलबली और सतर्कता देखने को मिल रही है. इसका असर इतना है कि झारखंड कांग्रेस प्रभारी के. राजू खुद हर दिन तैयारियों का जायजा ले रहें हैं.  

6 मई को होगी धुर्वा में सभा  

राजधानी रांची के धुर्वा में होने वाली इस सभा को लेकर तैयारियां खूब जोर-शोर से देखने को मिल रही है. इसे लेकर प्रदेश अभियान समिति और सेन्ट्रल कंट्रोल रुम भी बनाया गया है. अभियान समिति की जिम्मेदारी पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप बलमुचू संभाल रहे हैं. वही कंट्रोल रुम की जिम्मेदारी सूर्यकांत शुक्ला को सौंपी गई है. इस रैली में भीड़ इकट्ठा करने के लिए सभी जिलाध्यक्षों, विधायकों , मंत्रियों, बोर्ड निगम के अध्यक्ष, सदस्यों और प्रदेश पदाधिकारियों एक निश्चित संख्या में भीड़ जुटाने का टारगेट दिया गया है. माना जा रहा है कि अगर लोग जमा नहीं हो सके तो शायद एक्शन भी लिया जा सकता है.

रिपोर्ट : शिवपूजन सिंह