टीएनपी डेस्क(TNP DESK): बेटियां बाप के कलेजे की टुकड़ा होती है, लेकिन फिर भी पिता को अपनी बेटी को शादी के बाद विदा करना ही पड़ता है. जब घर में एक बेटी का जन्म होता है तो मां से ज्यादा पिता खुश होता है और वह अपनी बेटी को अपनी जान से भी ज्यादा ख्याल रखता है. वह अपने कलेजे के टुकड़ों को हर वह खुशी देता है ताकि उसकी बेटी को कोई गम छू भी नहीं पाये, लेकिन फिर भी रिति रिवाज सभी को निभाना पड़ता है और एक दिन शादी के बाद सभी पिता को अपनी बेटी की बिदाई करनी पड़ती है.

बेटी की जुदाई का गम बर्दाश्त नहीं कर पाया पिता

पिता भले ही लाख कोशिश कर ले लेकिन अपनी बेटी को शादी के बाद विदाई करनी ही पड़ती है. जब बेटी की विदाई होती है, तो पत्थर दिल इंसान की भी आंखे भर आती है, तो जरा सोचिये एक पिता पर बेटी के विदाई के समय कैसा बीतता होगा. एक ऐसा ही दुखद और मार्मिक मामला बिहार के गया जिले से सामने आया है. जहां बेटी की विदाई का गम पिता बर्दाश्त नहीं कर पाया और फिर बेटी बेटी की डोली उठने के कुछ देर बाद ही पिता की अर्थी  उठ गई.

पढ़ें पूरा मामला

चलिए जान लेते हैं पूरा मामला आखिर है क्या. दरअसल बिहार के गया जिले का ये पूरा मामला है,जहां एक ही घर से पहले बेटी की डोली उठी फिर उसके बाद पिता की अर्थी उठ गयी. पूरा मामला गया जिले के बोधगया प्रखण्ड का है. जहां जैतिया गांव में 11 मई को सिद्धांतनाथ सिंह की बेटी की शादी थी, बारात की पूरी तैयारी हुई ,शादी भी पूरी धूमधाम से संपन्न हुई और फिर 12 मई को दुल्हन को लेकर बारात वापस लौट गई. वहीं बेटी की विदाई का समय नजदीक आते ही समाधि मिलन के दौरान सिद्धांत नाथ सिंह को हार्ट अटैक आ गया, जिसका बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन उनकी मौत हो गई. वहीं लोगों का कहना है कि उन्हें अपनी बेटी से काफी ज्यादा प्यार था. बेटी की जुदाई का सदमा वह बर्दाश्त नहीं कर सके और और हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई.

पूरे गांव में मातम का माहौल

घटना के बाद पूरे गांव में मातम का माहौल है. वहीं ग्रामीण बताते हैं कि एक तरफ बेटी की डोली निकलने और दूसरी तरफ पिता की अर्थी निकलने की दूर-दूर तक हो रही है. जो भी ये मामला सुन रहा है उसकी आँखें नम हो जा रही है.