रांची (RANCHI): आजाद हिंद फौज की रानी लक्ष्मीबाई रेजिमेंट की कैप्टन लक्ष्मी सहगल की बेटी सुभाषिनी अली इनदिनों रांची में हैं. आज उन्होंने एसडीसी सभागार में एक जन कन्वेशन में हिस्सा लिया. जिसमें उन्होंने कहा कि आजादी के आंदोलन के दौर में सभी धर्मों के अनुयाइयों ने मिलकर साझी विरासत और अनेकता में एकता की गौरवशाली परंपरा को विकसित किया था. उसी विरासत पर आज हमले हो रहे हैं. संविधान की प्रस्तावना की निर्देशिका को ही मिटाने की साज़िश की जा रही है. आयोजन साझा मंच (समझ) ने किया था.
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जन कन्वेंशन में सुभाषिनी अली बोलीं
सुभाषिनी अली ने कहा कि आज राजनीतिक फायदे के लिए धर्म का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर हो रहा है. ऐसा करने वाली ताकतें आज केंद्रीय सत्ता पर भी काबिज हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि जब देश का नया संविधान लागू हो रहा था तब ऐसे लोगों ने भारत गणराज्य में समानता का अधिकार देने वाले संविधान की बजाय मनुस्मृति से निर्देशित संविधान लागू करने की वकालत की थी. शासन में आने के बाद यही ताकतें देश की जनता को समानता का अधिकार देने वाले भारत के संविधान को कमजोर करने का षडयंत्र कर रहीं हैं. आज देश की जनता बढ़ती हुई महंगाई , बेरोजगारी से काफी परेशान है. दूसरी ओर एक व्यापक योजना के तहत देश की सार्वजनिक संपत्ति का मेगा सेल लगाकर देश की अर्थव्यवस्था और संप्रुभता को ही दांव पर लगाया जा रहा है. साथ ही इस राष्ट्र विरोधी षडयंत्र से लोगों का ध्यान हटाने के लिए एक विशेष संप्रदाय के खिलाफ नफ़रत की मुहिम चलाकर सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का संगठित अभियान चलाया जा रहा है. इस षडयंत्र का मुकाबला लोगों की साझी एकजुटता से ही किया जा सकता है.हमे ख़ुशी है कि झारखंड में साझा मंच का गठन इस एकजुटता के लिए प्रयासरत है.
धर्मनिरपेक्षता को बेरंग करने की साज़िश सफल नहीं होगी
कन्वेंशन में विनोबा भावे विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ.रमेश शरण ने कहा कि देश की आम जनता ने स्वतंत्रता संघर्ष के दौर में ही सांप्रदायिकता के झाड़ -फूस को साफ कर एकता और सद्भाव की जो पगडंडी तैयार की थी उसे अवरूद्ध किए जाने की कोशिश की जा रही है. प्रख्यात फिल्मकार मेघनाद ने कहा कि हमारी परंपरा में ही धर्मनिरपेक्षता का रंग घुला हुआ है. इसे बेरंग करने की कोई भी साज़िश सफ़ल नहीं होगी. कंवेंशन का मुख्य प्रस्ताव फादर टोनी ने प्रस्तुत किया.
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इन्होंने भी रखे विचार
कन्वेंशन में केंद्रीय गुरुद्वारा सिंहसभा की परमजीत कौर, मौलाना हाजी तहजीबुल हसन, फादर एलेक्स एक्का, तथागत जैनेन्द्र कुमार के अलावा किसान सभा के के.डी सिंह, सोशल एक्टिविस्ट किरण ने भी अपने विचार रखे. आगामी कार्यक्रम की रूपरेखा अमल पांडे ने रखी. अध्यक्षता प्रो.हरमिंदर सिंह ने की. संचालन सुधांशु शेखर ने किया. स्वागत गान प्रवीर पीटर ने प्रस्तुत किया। नंदिता भट्टाचार्य ने धन्यवाद ज्ञापन किया। साझा मंच के संयोजक अशोक वर्मा, इबरार अहमद , फादर टोनी,प्रो.हरमिंदर सिंह, जयसिंह यादव आदि मौजूद थे.
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