सिमडेगा(SIMDEGA): डायन जैसा कुप्रथा के विरुद्ध झारखंड सरकार की गरिमा परियोजना अब धरातल पर उतरने लगी है। राज्य के संभवत: पहले गरिमा केंद्र की शुरुआत आज कोलेबिरा प्रखंड के साहू मोहल्ला में हुई. केंद्र का उद्घाटन सिमडेगा पुलिस अधीक्षक सौरभ कुमार ने किया.  उन्होंने जिला डीएम सामाजिक विकास अभय कुमार से केंद्र के बारे में जानकारी ली. 

क्या है गरिमा का उद्देश्य

इस दौरान राज्य कार्यक्रम प्रबंधक पूर्णिमा मुखर्जी ने गरिमा केंद्र के उद्देश्य बताते हुए कहा कि लक्ष्य झारखंड को डायन कुप्रथा मुक्त बनाना है. गरिमा परियोजना के तहत वल्नेबरिलिटी मैंपिंग और ग्राम संगठन के प्रशिक्षण के जरिए डायन कुप्रथा उन्मूलन को गति दी जाएगी. हमारा लक्ष्य समाज से अंधविश्वास और भेदभाव को खत्म करना है. इस क्रेंद के माध्यम से न केवल डायन कुप्रथा ही नहीं बल्कि घरेलू हिंसा के शिकार महिला बुजुर्ग, बच्चे या फिर मानव तस्करी से पीड़ित लोगों को रेस्क्यू कर यहां रखा जाएगा. जल्द ही इसकी सूचना वन स्टॉप सेंटर को  दी जाएगी. जहां पीड़ितों को सम्मानजनक जिंदगी जीने के लिए सहायता दी जाएगी.

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पुलिस हर संभव मदद के लिए तैयार: SP 

पुलिस अधीक्षक ने अपने संबोधन में कहा कि सिमडेगा पुलिस हर संभव आपकी मदद के लिए तैयार है. आप पुलिस से डरे नहीं हम आपकी सेवा के लिए ही हैं. उन्होंने कहा कि जिस तरह कुप्रथाओं से लड़ने के लिए बदलाव दीदी का निर्माण किया गया है वैसे ही बदलाव पुलिस का भी सिमड़ेगा में निर्माण किया जाएगा, जो इस कार्य में मील का पत्थर साबित होगा. वह दिन दूर नहीं है जब सिमडेगा महिला हिंसा, मानव तस्करी  और नशा मुक्त सिमडेगा के नाम से जाना जाएगा. आपको बता दें कि इस दौरान सभी  जनप्रतिनिधि और पदाधिकारियों का स्वागत JSLPS की सखी मंडल के दीदियों ने बुके देकर स्वागत किया.

कई और जनप्रतिनिधि रहे मौजूद

इस अवसर पर जिला परिषद अध्यक्ष प्रखंड प्रमुख प्रखंड विकास पदाधिकारी ने भी जनता को संबोधित किया. मौके पर जिला परिषद अध्यक्ष रोज प्रतिमा सोरेंग, प्रखंड प्रमुख दुतामि हेमरोम, उपप्रमुख सुनीता देवी, खंड विकास पदाधिकारी, अखिलेश कुमार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, चिकित्सा प्रभारी डॉक्टर केके शर्मा, मुखिया अंजना लकड़ा, कल्पना देवी, महिमा लकड़ा अंजू, रीना मिंज थाना प्रभारी, रामेश्वर भगत डीएम, सामाजिक विकास अभय कुमार राज्य कार्यक्रम प्रबंधक पूर्णिमा मुखर्जी, शाहिद इकबाल प्रेरणा जोस सांगा के अलावा महिला सखी मंडल की दीदीयां और गांव की महिलाएं शामिल थी.

रिपोर्ट: अमित रंजन, सिमडेगा