रांची (RANCHI): राज्य में सरयू राय अपने तीखे तेवर के लिए जाने जाते हैं. चारा घोटाले का उजागर करने में उनकी भूमिका रही है. सरकार उनकी पार्टी की हो या किसी विरोधी दल की, सरयू जन मुद्दे उठाने से नहीं चूकते हैं. नदियों को प्रदूषण मुक्त और अतिक्रमण मुक्त करने के लिए वो कई सालों से अभियान चला रहे हैं. अभी वो पूर्वी जमशेदपुर से निर्दलीय विधायक हैं. मानसून सत्र के तीसरे दिन आज उन्होंने नदियों का मामला उठाया, लेकिन सरकार की ओर से जो जवाब दिया गया, उससे सरयू संतुष्ट नहीं दिखे.
क्या कहा मंत्री चंपई सोरेन ने
विपक्ष के हंगामे के बीच प्रश्काल शुरू हुआ, तो सरयू राय का पहला ही अल्पसूचित प्रश्न था. नदियों से ही जुड़ा हुआ. इसके जवाब में प्रभारी मंत्री चम्पई सोरेन ने कहा कि हरमू नदी, स्वर्णरेखा और दामोदर सभी नदी के प्रदूषण की रिपोर्ट केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड को हर महीने भेजी जाती है. नदियां प्रदूषण मुक्त हो गयी हैं. नदियों के किनारे कल-काररखाने हैं. इन्हें हटाए जाने और इनसे नदियों से प्रदूषण मुक्त करने के लिए लगातार सरकार प्रयास कर रही है.
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सरयू राय ने कहा, दे दूंगा इस्तीफा
सरयू राय ने कहा कि मंत्री का जवाब 100 प्रतिशत गलत है. हरमू नदी की स्थिति बदतर है. नाला में नदी बदल चुकी है, कोई वहां नाक तक नहीं दे सकता. उन्होंने इस मामले की जांच विधानसभा की विशेष कमेटी से कराए जाने की मांग की. इसके अलावा मंत्री के जवाब पर कहा कि अगर ये सही साबित हुआ तो वो विधायकी से इस्तीफा दे देंगे. क्योंकि जिस अधिकारी ने सरकार को रिपोर्ट दी है, वो सरासर गलत है, ऐसे अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. सदन को गुमराह किया गया है.
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