Ranchi-कांग्रेस के बाद माले ने भी झारखंड में अपने हिस्से की सीट पर प्रत्याशी का एलान कर दिया है, कोडरमा संसदीय सीट से विनोद सिंह के नाम की घोषणा करते हुए माले ने जीत की हुंकार लगायी है और इसके साथ ही भाजपा छोड़ झामुमो में शामिल हुए जयप्रकाश वर्मा का पत्ता साफ होता नजर आने लगा है. ध्यान रहे कि कोडरमा से भाजपा ने वर्तमान सांसद अन्नपूर्णा देवी को एक बार फिर से मैदान में उतारा है.

भाजपा का मजबूत किला है कोडरमा

यहां बता दें कि कोडरमा को भाजपा का गढ़ माना जाता है. पहली बार वर्ष 1989 में पूर्व सांसद आरएलपी वर्मा ने इस सीट से भाजपा का परचम फहराया था, हालांकि वर्ष 1991 में जनता दल के मुमताज अंसारी ने एक बार फिर से बाजी पलट दी थी, लेकिन 1996 में आरएलपी वर्मा ने एक बार फिर से भाजपा का झंडा बुंलद कर दिया और इसके साथ ही1998 में भी इस जीत को बरकरार रखा. लेकिन 1999 में तिलकधारी सिंह ने एक बार फिर से कांग्रेस की इंट्री करवा दी.वर्ष 2004 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर बाबूलाल की इंट्री होती है और वह एक बार फिर से भाजपा का झंडा फहराने में कामयाब रहते हैं. लेकिन 2006 के चुनाव में भाजपा को झटका लगा, यह सीट तो बाबूलाल के नाम ही रही, लेकिन तब तक वह भाजपा छोड़ चुके थें और बाबूलाल ने यही करिश्मा 2009 केलोकसभा चुनाव में दिखलाया. जब वह अपनी पार्टी झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) के बनैर तले इस सीट को अपने नाम किया. लेकिन 2014 में भाजपा के रवीन्द्र कुमार राय ने बाबूलाल को सियासी पटकनी दे दी और यह सीट एक बार फिर से भाजपा के पास चली गयी.

मोदी की आंधी में अन्नपूर्णा ने बाबूलाल को दी थी पटकनी

इधर 2014 में जब पूरे देश में मोदी की आंधी बह रही थी, तब भाजपा ने राजद का लालटेन छोड़कर कमल पर सवाल हुई अन्नपूर्णा देवी को पार्टी छोड़ने का इनाम दिया और कोडरमा सीट से उम्मीदवार बना दिया और अन्नपूर्णा ने करीबन चार लाख मतों बाबूलाल को पटकनी दे देकर एक इतिहास लिखा था, अब वही अन्नपूर्णा इस बार सियासी अखाड़े में है और उनके सामने है झारखंड की सियासत का एक बड़ा चेहरा और माले नेता महेन्द्र सिंह के बेटे विनोद सिंह. पिता महेन्द्र सिंह की हत्या के बाद विनोद सिंह वर्ष 2005,2009 और 2019 में इस सीट से माले का झंडा बुलंद कर चुके हैं. साफ है कि विनोद सिंह कोडरमा की सियासत में एक बड़ा चेहरा है. इस हालत में देखना होगा कि इस जंग में बाजी किसके हाथ लगती है.

सामाजिक सियासी समीकरण

यदि हम बात वर्तमान सामाजिक समीकरण की करें तो कोडरमा संसदीय सीट में कुल छह विधान सभा आता है, इसमें अभी कोडरमा से भाजपा की नीरा यादव, बरकट्टा से निर्दलीय अमित कुमार यादव, धनवार से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, बगोदर से खुद विनोद सिंह, जमुआ सुरक्षित से भाजपा के केदार हाजरा और गांडेय से कांग्रेस सरफराज आलम थें, जो अब राज्य सभा जा चुके हैं, और गांडेय विधान सभा के लिए उपचुनाव की घोषणा भी हो चुकी है. इस प्रकार छह में तीन पर भाजपा का कमल और निर्दलीय विधायक अमित यादव का समर्थन है तो दूसरी ओर सीपाईएम एल और झामुमो का एक एक विधायक है.जबकि यदि सामाजिक समीकरण की बात करें तो इस संसदीय सीट पर यादव -2.60 लाख, मुस्लिम-2 लाख, बाभन- 2 लाख, कोयरी कुर्मी- 2.20 लाख, आदिवासी-1.50 लाख, दलित-2 लाख, वैश्य-1.50 हैं. यानि इंडिया गठबंधन की जीत का दामोदार मुस्लिम, कोयरी और कुड़मी के साथ ही आदिवासी मतदाताओं पर टिकी है और इसके साथ ही विनोद सिंह का बेदाग और लोकप्रिय चेहरा है, तो दूसरी ओर भाजपा की नजर यादव मतों के साथ ही दूसरी पिछड़ी जातियों में सेंधमारी पर होगी, इस हालत में देखना होगा कि यादव मतदाताओं में इंडिया गठबंधन किस हद तक सेंधमारी में सफल होता है और जयप्रकाश वर्मा जो टिकट की चाहत में भाजपा छोड़ झामुमो के साथ गये थें, उनकी भूमिका क्या होती है.

आप इसे भी पढ़ सकते हैं

LS POLL 2024: सिंहभूम के जंग में भाजपा की गीता के सामने झामुमो का चेहरा कौन! दशरथ गागराई की खुलेगी किस्मत या सुखराम उरांव की लॉटरी

LS Poll 2024: “केला ही कमल है” का जोर या टाईगर जयराम का शोर! या फिर मथुरा महतो की इंट्री से बदलेगा खेल? जानिये कितना दिलचस्प है गिरीडीह का मुकाबला 

Big Breaking- गिरिडीह का सस्पेंस खत्म, टाईगर जयराम के सामने एनडीए का चेहरा होंगे चन्द्र प्रकाश चौधरी, आजसू ने किया एलान

LS Poll 2024: जमशेदपुर में इंडिया गठबंधन का चेहरा कौन! कुणाल षड़ंगी और पूर्व क्रिकेटर सौरभ तिवारी की इंट्री या फिर इस कुर्मी चेहरे पर झामुमो लगाने जा रही है दांव

LS Poll 2024: धनबाद के अखाड़े से कूदने की तैयारी में सरयू राय! सवर्ण मतदाताओं में सेंधमारी का मास्टर प्लान या जीत की हुंकार

रांची लोकसभा से राम टहल का छक्का! दिल्ली में सुबोधकांत के साथ बैठक, गेम पलटने की तैयारी में कांग्रेस