रांची (RANCHI): श्रावण मास की शुरुआत से पहले राजधानी रांची स्थित ऐतिहासिक महत्व वाले पहाड़ी मंदिर को आज यानि की सोमवार और मंगलवार को बंद रखने का आदेश दिया गया है. दरअसल श्रद्धालुओं की सुरक्षा और मंदिर के जीर्णोद्धार के काम को देखते हुए पहाड़ी मंदिर दो दिनों तक मंदिर को बंद रखने का निर्णय लिया गया है. मंदिर कमेटी ने बताया है की मरम्मत कार्य के दौरान भक्तों के मंदिर में प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा. हालांकि इस दौरान श्रद्धालुओं की पूजा अर्चना और जलाभिषेक के लिए विशेष तैयारियां भी की गई है. श्रद्धालुओं की भक्ति को देखते हुए जलार्पण की सुविधा के लिए मंदिर परिसर के बाहर एक ड्रम रखा गया है, जिसमें श्रद्धालु जल अर्पित कर सकते है. ड्रम भर जाने पर यह जल ले जाकर पहाड़ी बाबा को अर्पित किया जाएगा.
बताते चलें कि रांची के प्रसिद्ध पहाड़ी मंदिर का ऐतिहासिक महत्व भी है. अंग्रेजों के समय से इस मंदिर में पूजा अर्चना की जाती और श्रावण मास में भक्त, पहाड़ी मंदिर में कावड़ लेकर भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए आते हैं. ऐसे में मंदिर में चल रहे मरम्मत कार्य को देखते हुए मंदिर विकास समिति ने श्रद्धालुओं से सहयोग की अपील करते हुए कहा है कि वे इस दौरान महाकाल मंदिर और विश्वनाथ मंदिर में पूजा करें.
श्रावण मास की शुरुआत से पहले राजधानी रांची स्थित ऐतिहासिक महत्व वाले पहाड़ी मंदिर को आज यानि की सोमवार और मंगलवार को बंद रखने का आदेश दिया गया है. दरअसल श्रद्धालुओं की सुरक्षा और मंदिर के जीर्णोद्धार के काम को देखते हुए पहाड़ी मंदिर दो दिनों तक मंदिर को बंद रखने का निर्णय लिया गया है. मंदिर कमेटी ने बताया है की मरम्मत कार्य के दौरान भक्तों के मंदिर में प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा. हालांकि इस दौरान श्रद्धालुओं की पूजा अर्चना और जलाभिषेक के लिए विशेष तैयारियां भी की गई है. श्रद्धालुओं की भक्ति को देखते हुए जलार्पण की सुविधा के लिए मंदिर परिसर के बाहर एक ड्रम रखा गया है, जिसमें श्रद्धालु जल अर्पित कर सकते है. ड्रम भर जाने पर यह जल ले जाकर पहाड़ी बाबा को अर्पित किया जाएगा.
बताते चले की रांची के प्रसिद्ध पहाड़ी मंदिर का ऐतिहासिक महत्व भी है. अंग्रेजों के समय से इस मंदिर में पूजा अर्चना की जाती और श्रावण मास में भक्त, पहाड़ी मंदिर में कावड़ लेकर भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए आते हैं. ऐसे में मंदिर में चल रहे मरम्मत कार्य को देखते हुए मंदिर विकास समिति ने श्रद्धालुओं से सहयोग की अपील करते हुए कहा है कि वे इस दौरान महाकाल मंदिर और विश्वनाथ मंदिर में पूजा करें.
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