टीएनपी (TNP DESK ) - रेल यात्री सुविधाओं के साथ-साथ माल ढुलाई को लेकर भी काफी गंभीर है और इसके लिए डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है.इसी कड़ी में ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर तेजी से काम चल रहा है.इस संबंध में महाप्रबंधक अनुपम शर्मा एवं डीएफसीसीआईएल के प्रबंधक निदेशक आर. के. जैन एवं अन्य उच्चाधिकारियों के साथ दिनांक 05.02.2022 को पटना में बैठक हुई. इस बैठक में महाप्रबंधक ने पंडित दीन दयाल उपाध्याय जं. से सोननगर तक निर्माणाधीन डेडिकेटेड फ्रेड कॉरिडोर परियोजना की कार्य प्रगति की समीक्षा की.

 विद्युत एवं सिगनल से जुड़े कई कार्य किये जा रहे हैं

बैठक में महाप्रबंधक अनुपम शर्मा द्वारा डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के तहत बनने वाली इस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के अंतर्गत पंडित दीन दयाल उपाध्याय जं. और सोननगर के बीच चल रहे कार्य की गहन समीक्षा की गयी और निर्माणाीधन आर.ओ.बी. का कार्य जल्द से जल्द पूरा करने का निर्देश दिया गया.डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के पं. दीनदयाल उपाध्याय जं. और सोननगर रेलखंड के बीच आरयूबी/आरओबी सहित इस रेलखंड के स्टेशनों के यार्ड का रिमॉडलिंग सहित विद्युत एवं सिगनल से जुड़े कई कार्य किये जा रहे हैं.

वर्ष 2022-23 में 2000 करोड़ रूपए का निवेश किया जाएगा 


अगले फेज में सोननगर से गया, नेसुबो गोमो, धनबाद होते हुए पश्चिम बंगाल के दानकुनी तक निर्माण होना है. इसके लिए पूर्व मध्य रेल क्षेत्राधिकार में जितने भी यूटिलिटी शिफ्ंिटग हैं, उस पर भी गहन चर्चा हुई.महाप्रबंधक महोदय ने यूटिलिटी शिफ्ंिटग का कार्य यथाशीघ्र करने का निर्देश दिया.सोननगर से दानकुनी तक का कार्य तीव्रगति से पूरा किया जा सके. इसके मद्देनजर वर्ष 2022-23 में 2000 करोड़ रूपए का निवेश किया जाएगा. 

पंडित दीन दयाल उपाध्याय जं. से चिरेलापाथु के मध्य 49 तथा सोननगर से बगहा विशुनपुर के मध्य 01 समपार फाटक हैं. इनमें से 43 समपार फाटक पर आर.ओ.बी. तथा शेष 07 समपार फाटक पर आर.यू.बी. का प्रावधान किया गया है. गंजख्वाजा और चिरेलापाथु के मध्य सभी आर.यू.बी. का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है.


बिहार से गुजरने वाली 1856 किलोमीटर लंबे पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर परियोजना का बिहार राज्य में विस्तार 239 किमी का है

विदित हो कि माल ढुलाई को सुगम बनाने एवं पहले से स्थापित रेल लाइनों पर बढ़ रहे दबाव को कम करने के उद्देश्य से रेलवे की अनुषंगी इकाई डीएफसीसीआईएल दो डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का निर्माण करवा रही है.पूर्वी और पश्चिमी कॉरिडोर में बंटी इस परियोजना के तहत् 1504 किलोमीटर का पश्चिमी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह, मुंबई से उत्तर प्रदेश के दादरी को जोड़ेगा.वहीं पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर अपने 1856 किलोमीटर रेलमार्ग द्वारा पंजाब के साहनेवाल से पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड राज्यों से होकर गुजरेगा और पश्चिम बंगाल के दानकुनी को जोड़ेगा.बिहार से गुजरने वाली 1856 किलोमीटर लंबे पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर परियोजना का बिहार राज्य में विस्तार 239 किमी का है.यह लाईन बिहार के कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद एवं गया तथा झारखंड के धनबाद, गिरीडीह, कोडरमा जिले से गुजरेगी.

डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर ट्रैक पर शिफ्ट हो जाने के बाद यात्री ट्रेन के परिचालन में काफी सहूलियत होगी

देश के 09 राज्यों को मालभाड़ा समर्पित ये रेलमार्ग से जोड़ने वाली रेलवे की सबसे बड़ी आधारभूत विकास परियोजना है जो पर्यावरण अनुकूल परिवहन तंत्र से लेकर रोजगार सृजन और अर्थव्यवस्था को गति देने में मददगार होगी.डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर शुरू हो जाने के बाद इस ट्रैक पर माल गाड़ियों का परिचालन तेजी से किया जाएगा और इस कॉरिडोर से गुजरने वाली माल गाड़ियां कम समय में अपने गंतव्य तक पहुंचेंगीं.वहीं, दूसरी तरफ सामान्य रेलवे ट्रैक से माल गाड़ियों के डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर ट्रैक पर शिफ्ट हो जाने के बाद यात्री ट्रेन के परिचालन में काफी सहूलियत होगी और ट्रेनों को तेज गति के साथ-साथ समयबद्ध तरीके से चलाया जा सकेगा.


रिपोर्ट: रंजना कुमारी (रांची ब्यूरो )