पटना(PATNA): पिछले कुछ महीनों में जिस तरह से बिहार के बाहर यानी जम्मू कश्मीर में बिहारियों की निर्मम हत्या हो रही है उस पर अब बिहार में राजनीति तेज हो गई है. बिहार की विपक्षी पार्टियों ने सरकार की नीतियों पर ही सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं. आरजेडी सहित कांग्रेस ने हमला करते हुए यह सवाल उठाया है कि 17 साल से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार सत्ता में हैं. लेकिन उनकी 17 साल की मौजूदगी के बावजूद बिहार में ना तो पलायन ही रुक रहा है और ना ही बिहार के बाहर जो मजदूर काम करने जा रहे हैं उनकी हत्या का सिलसिला थम रहा है. आखिर सरकार की यह कैसी नीति है.

पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने सरकार का बचाव करते हुए यह कहा

विपक्षी पार्टियों द्वारा लगातार किए जा रहे हमले से सत्ता में आसीन जनता दल यूनाइटेड ने अपने बचाव में दलीलें देनी शुरू कर दी है. पूर्व मंत्री सह मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने सरकार का बचाव करते हुए कहा कि पलायन शब्द का इस्तेमाल करना सही नहीं है. यह देश सब का है और देश के विभिन्न राज्यों  के लोग यहां रहते हैं. बिहार में महाराष्ट्र के लोग नहीं आते हैं, बंगाल के लोग नहीं आते हैं, मध्य प्रदेश के लोग नहीं आते हैं,  लेकिन बिहार के लोग इन राज्यों में जाते हैं. ऐसे में इनके सुरक्षा की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होती है. किसी भी राज्य के लोग किसी भी जगह रह रहे हैं. यह उस राज्य सरकार की जिम्मेदारी होती है कि बाहर से आए लोगों की सम्मान की रक्षा करें. उनके जानमाल की रक्षा करें. कोविड-19 समय की ही बात कर लें तो लगभग 32 लाख लोग बिहार के बाहर से यहां रहने आए थे. फिर भी हमने किसी भी तरह की लॉ एंड ऑर्डर की व्यवस्था नहीं बिगड़ने दी. बिहार के लोग तो दूसरे राज्यों में जाकर आर्थिक रूप से दूसरे राज्यों को मजबूत करते हैं और भारत का संविधान उन्हें बाहर जाने की इजाजत देता है. यह उस राज्य सरकार की जिम्मेदारी है जो वहां रह रहे लोगों की जान माल की रक्षा करें.

एक तरफ जहां बिहार के बाहर रह रहे मजदूरों पर लगातार जानलेवा हमले हो रहे हैं वहीं दूसरी तरफ बिहार के राजनीतिक दल इन मौतों पर अपनी राजनीतिक रोटी सेकने में लगे हैं. अब देखने वाली बात यह होगी कि मौतों का सिलसिला कब और कैसे रोकता है और इस पर राजनीति कर रहे राजनीतिक दल मौतों के सिलसिले को रोकने के लिए कौन सा कदम उठाते हैं.