मोतीहारी(MOTIHARI): फिजा में गूंज रही थी, बेंड-बाजे की धुन. रंग-बिरंगे कपड़ों में सजे बराती भी झूमते-गाते पहुंच चुके थे. मंडप की सजवाट देखते बन रही थी। बस वर-वधु का बेसब्री से इंतजार था, लेकिन देखते-देखते सभी के उमंग ने उबासी का रूप अख्तियार कर लिया. लोग मंच पर सजे-संवरे दो श्वान (कुत्ते-कुतिया) को देख हैरत में रह गए.  दुल्हन बनी बसंती जहां सकुचाई सी खुद में सिमट जा रही थी, वहीं दुल्हेराजा काेल्हू की इठलाहट भी किसी राजकुमार से कम नहीं. 

यह अनूठी शादी मोतिहारी के मजूराहा गांव में हुई. जिसमें बैंड बाजा और डीजे का भी इंतजाम किया गया था. विवाह समारोह में में चार सौ लोग पहुंचे थे. न बराती के आव-भगत में कमी छोड़ी गई और न सरातियों के सत्कार में. मेहमानों के लिए खान-पान की अच्छी-खासी व्यवस्था की गई थी. शादी की सारी रस्में पूरे हिंदू, रीति-रिवाज से हुई है. 

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श्वान शादी करवाने से मिलता है मनोवांछित फल 

ग्रामीणों ने बताया कि, इस तरह की शादी उन्होंने अपने जीवन में पहले कभी नहीं देखी थी. वहीं शादी कराने वाले पंडित धर्मेंद्र कुमार पांडेय ने कहा कि, कुत्ते और कुतिया की शादी सभी को कराना चाहिए. क्योंकि ये भैरव का रूप होते हैं. इस तरह की शादी कराने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है. जो भी हो लेकिन आस्था अंधविश्वास से अलग ये शादी इलाक़े में चर्चा का विषय बनी हुई है.  शादी का वीडियो जमकर वायरल हो रहा है.