आरा(AARA): अभी के समय में लोग दो दिन बिना खाना खाए रह सकते हैं, लेकिन इंटरनेट के बिना 1 घंटा भी नहीं रह सकते. दरअसल अग्निपथ योजना के विरोध प्रदर्शन में बिहार में तीन दिन इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी. इसी को लेकर भोजपुर जिले के एक यूजर ने मोबाइल कंपनी के ऊपर ही केस दर्ज कर दिया है. यूजर अपने नुकसान की भरपाई की मांग मोबाइल कंपनी से कर रहा है. दरअसल अग्निपथ योजना के विरोध के दौरान अफवाह फैलने से रोकने और विधि-व्यवस्था बनाए रखने के इरादे से प्रशासन के आदेश पर 72 घंटों की इंटरनेट सेवा बंद कर दी थी. बंदी के दौरान इंटरनेट पैक जो मिलता है उसका नुकसान हो रहा था। इसी बात को लेकर यूजर ने उपभोक्ता कोर्ट में केस दर्ज किया है.
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FIR दर्ज कर डाटा देने की मांग
जानकारी के मुताबिक आनंद प्रकाश नामक एक युवक ने चार दिनों का अपना बचा हुआ डाटा एकमुश्त टेलीकाम कंपनी से पाने के लिए मंगलवार को स्थानीय उपभोक्ता न्यायालय में केस दर्ज कर दिया है. न्यायालय ने उसका मामला सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है. उसने बताया कि इंटरनेट बंदी का नुकसान मोबाइल उपभोक्ताओं को झेलना पड़ा है. अधिकांश टेलीकाम कंपनियां प्रीपेड प्लान में प्रतिदिन उपलब्ध कराने वाले डाटा का पैसा पहले ही ले लेती है. स्मार्ट फोन यूजर प्रतिदिन औसतन एक जीबी डेटा का इस्तेमाल करते हैं. इस तरह उनका डाटा का इस्तमाल नहीं हो पा रहा था. जिसे वापस देने के लिए केस किया गया है.
20 जिलों में इंटरनेट सेवा पर लगी थी रोक
बता दें कि केंद्र सरकार की अग्निपथ भर्ती योजना को लेकर राज्य में तीन दिन तक भारी हंगामा हुआ था. पुलिस ने शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए 20 जिलों में इंटरनेट सेवा पर रोक लगा दी थी. इन शहरों में फेसबुक, ट्विटर और वाट्सऐप और इंटरनेट मीडिया पर तस्वीरें, वीडियो या संदेश भेजने पर रोक लगा दी थी. रेलवे, बैंकिंग एवं अन्य सरकारी सेवाएं इससे प्रभावित नहीं थीं. सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, आगजनी और तोड़फोड़ करने के मामले में राज्य भर में अब तक 150 से अधिक प्राथमिकी दर्ज की गई है. पुलिस मुख्यालय के अनुसार सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, तोड़फोड़ और अफवाह फैलाने वाले लोगों को उकसाने वालों की पहचान की जा रही है. साक्ष्य मिलने पर उनके विरुद्ध भी विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी. वहीं बक्सर में पुलिस पर हमला करते हुए गाड़ी फूंक देने की घटना की छानबीन में किसी संगठित गिरोह की भूमिका बताई गई थी. उपद्रवियों के बीच नक्सलियों के भी शामिल होने के संकेत मिले थे.
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Roshan Kumar Pandey
3 years agoVery very good