पटना(PATNA): राजधानी के बाढ़ इलाके के उत्तरवाहिनी गंगा नदी के तट पर अवस्थित उमानाथ मंदिर आस्था, विश्वास और समर्पण का अद्भुत केंद्र है. सावन की दूसरी सोमवारी को करीब 60,000 लोगों ने मंदिर में पहुंचकर भगवान शंकर पर जल अर्पण किया. इस दौरान महिलाओं की भी संख्या काफी थी. सुबह से लोग गंगा स्नान कर मंदिर में पूजा के लिए पहुंचे. बाढ़ क्षेत्र के अलावा नालंदा, राजगीर, बिहार शरीफ, नवादा, शेखपुरा आदि स्थानों से लोग सावन के आगमन पर मंदिर पहुंच कर भगवान शंकर और पार्वती का उत्तर वाहिनी गंगा नदी के पवित्र जल से जलाभिषेक कर मन्नत मांगने आए.
सभी मनोकामना होती है पूरी
श्रद्धालुओं की आस्था है कि उत्तरायणी गंगा नदी के पावन जल से शिवलिंग का अभिषेक करने पर देवों के देव महादेव अति प्रसन्न होते हैं. इससे श्रद्धालुओं की मनोवांछित कामना पूर्ण होती है. मांगलिक कार्यों के प्रयोजन से श्रद्धालुओं के मंदिर परिसर में हमेशा भीड़ लगी रहती है. उमानाथ मंदिर काफी प्राचीन है. इस मंदिर की स्थापत्य कला काफी मनोरम है. उत्तरवाहिनी गंगा नदी पर गिने चुने ही शिव मंदिर है, जिसमें उमानाथ भी एक है. मंदिर तथा परिसर की साफ-सफाई की गई है. मंदिर के पुजारी मुन्ना पांडे और उपेंद्र भारती ने बताया कि प्रतिदिन मंदिर मे श्रृंगार करने के बाद सुबह 4:00 बजे पट खोला जा रहा है और शाम को 8:00 बजे पट बंद किया जाता है. मंदिर परिसर में अनुमंडल प्रशासन द्वारा कोई भी व्यवस्था नहीं की गई है. पुजारी द्वारा सामूहिक रूप से चढ़ावे की राशि से व्यवस्था की जा रही है.
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