पश्चिम चम्पारण(WEST CHAMPARAN):   इंडो नेपाल सीमा अंतर्गत वाल्मीकिनगर में बसे गण्डक कॉलोनियों में भालुओं के चहलकदमी से लोग काफी परेशान हैं.  ग्रामीणों के मुताबिक कभी एक भालू या भालुओं का झुंड आम खाने के लिए उनके घर के भीतर तक घुस जा रहे हैं, जिससे उन्हें भय लगता है. वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व जंगल से निकल कर भोजन की तलाश में भालू लोगों के घरों तक पहुंच जा रहे हैं. वैसे तो भालुओं का पसंदीदा भोजन शहद है, लेकिन आजकल आम भी उन्हें खूब भा रहा है. लिहाजा आम का स्वाद चखने भालुओं का झुंड गण्डक कॉलोनी में बसे लोगों के घरों तक पहुंच जा रहा है. जिससे ग्रामीण परेशान तो हैं हीं उन्हें डर भी सताता है कि कहीं भालू उनपर हमला न कर दें.

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इन वजहों से भालुओं की चहलकदमी बढ़ी 

मॉनसून की वजह से वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व पर्यटकों के लिए बन्द कर दिया गया है. ऐसे में शांत वातावरण की वजह से वन्य जीवों की चहलकदमी रिहायशी इलाकों में बढ़ने लगी है. वन विभाग के रेंजर महेश प्रसाद के मुताबिक बारिश की वजह से जलजमाव और गर्मी से व्याकुल होकर भी जंगली जानवर रिहायशी इलाक़ों का रुख कर लेते हैं. उन्होंने आगे बताया कि भोजन की तलाश भी एक मुख्य कारण हो सकता है जिस वजह से वन्य जीव कॉलोनियों में बसे लोगों के घरों के आसपास चहलकदमी करते हों. गण्डक कॉलोनी के ई टाइप मुहल्ले में रहने वाली आलिया खान बताती हैं कि आए दिन भालू अकेले या कुछ समूहों में उनके घरों के आसपास मंडराते नजर आते हैं. आम के सुगन्ध की वजह से सुनसान देख कभी-कभी किसी के घरों के अंदर भी घुस जाते हैं. आलिया ने बताया कि उनका कॉलोनी ठीक जंगल से सटा है यही वजह है कि यदि कोई आम का गुठली, आम या सड़ा आम फेंकता है तो उसकी महक भालुओं तक जाती होगी और वे इधर का रुख कर लेते होंगे.  आलिया ने बताया कि परेशानी के साथ साथ उन्हें भालुओं के विचरण से भय भी लगता है.