सहरसा(SAHARSA): 31 साल पुराने मामले में आनंद मोहन को कोर्ट ने बरी किया है. साक्ष्य के अभाव में उन्हें जमानत दी गयी है. जमानत मिलने की खबर मिलते ही उनके प्रशंसकों बीच खुशी की लहर है.  431/2003 में एमपी/एमएलए कोर्ट ने उन्हें रिहाई दी है. एमपी/एमएलए स्पेशल कोर्ट एडीजे -3 विकास कुमार सिंह ने मामले की सुनवाई की. 1991 लोकसभा उपचुनाव में दर्ज एक मुकदमे में अभियोजन पक्ष की ओर से आरोप साबित नहीं किए जाने और सबूत के अभाव में पूर्व सांसद आनंद मोहन को बरी कर दिया गया. 

वहीं पूर्व सांसद आनंद मोहन ने अपने ऊपर लगे आरोप को गलत करार दिया और इसे सच्चाई की जीत बताया. इसे लेकर उन्होंने न्यायालय के प्रति आभार जताया.  इस दौरान बड़ी संख्या में कोर्ट परिसर में उपस्थित समर्थकों ने मिठाईयां बांटकर अपनी खुशी का इज़हार किया. आनंद मोहन ने कहा कि लोकसभा उपचुनाव का मामला था. 31 साल पुराने मामले में सबूत के अभाव में मुझे बरी कर दिया गया. 

अंधेरा चाहे कितना भी घना क्यों नहीं हो...

पूर्व सांसद आनंद मोहन ने कहा कि कृष्णैया हत्याकांड में सजा पूरी होने के बाद भी 14 वर्षों से अधिक समय से जेल में बंद हूं. लेकिन निराश नहीं हूं. क्योंकि हम जानते हैं अंधेरा चाहे कितना भी घना क्यों नहीं हो सूरज को उगने से नहीं रोक सकता है. रात की औकात नहीं है कि वो सुबह को रोक दे. इसलिए हम इन बातों से घबराते नहीं है. हो सकता है नियति हमारे लिए बड़ी भूमिका तय की हो. इसलिए हम निराश नहीं है. हताश नहीं हैं. हम मजबूती से अब भी न्याय के प्रति न्यायपालिका के प्रति मेरी आस्था है, आज नहीं तो कल सब साफ होगा. आनंद मोहन ने कहा कि जल्द सभी आरोपों से मुक्त होकर जेल से बाहर आएंगे और मुख्य धारा की राजनीति से जुड़कर बिहार में परिवर्तन करेंगे. पूर्व सांसद आनंद मोहन के साथ इस मौके पर वरीय कांग्रेस नेता गुणेश्वर प्र. सिंह, फ्रेंड्स ऑफ आनंद के जिलाध्यक्ष अजय कुमार बबलू, अधिवक्ता अरुण कुमार सिंह, शंभू गुप्ता, संगीता सिंह, ज्योति सिंह, रामविलास सिंह, फ्रेंड्स ऑफ आनंद और आरजेडी के रोहिन दास, सहित अन्य मौजूद रहे.