रोहतास(ROHTAS): खबर सासाराम अनुमंडल क्षेत्र से है. जहां रोहतास जिला में शिक्षा विभाग के भवनों के निर्माण में व्यापक गड़बड़ी सामने आई है. जिसके बाद विभाग ने चार अभियंताओं को बर्खास्त कर दिया है. जबकि दूसरे विभाग से संबंधित अन्य तीन अभियंताओं के बर्खास्तगी के लिए अनुशंसा की गयी है. मामला बिहार शिक्षा परियोजना परिषर में बनाए गए नए 'जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान' के अलावे गर्ल्स हॉस्टल, बॉयज हॉस्टल और स्टाफ क्वार्टर से संबंधित है.12 करोड़ 91वे लाख की लागत से भवनों का निर्माण तो कर दिया गया, लेकिन उसकी गुणवत्ता इतनी खराब है कि निर्माण के साथ ही जगह-जगह दरारें आ गई. भवन की दीवारें मानो हिलती- डोलती दिख रही है. ऐसे में 'बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड' के प्रबंध निदेशक असंगबा चुबा आओ ने बड़ी कार्रवाई की है. जिससे हड़कंप मच गया है.
'सत्येंद्र कुमार कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड' और 'रौनक कंस्ट्रक्शन 10 साल के लिए ब्लैक-लिस्टेड
बता दें कि सासाराम में पुराने 'डायट भवन' की जगह पर बिहार शिक्षा परियोजना परिसर में नया 'डाइट भवन' का निर्माण कराया गया. साथ ही लड़का और लड़कियों के लिए अलग-अलग हॉस्टल बनाए गए. वहीं शिक्षा विभाग के अधिकारियों और कर्मियों के रहने के लिए स्टाफ क्वार्टर का निर्माण किया गया. भवन निर्माण के बाद विभाग के तत्कालीन अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने भवनों के निरीक्षण के दौरान हिदायत दी थी कि सभी कार्य पूरे होने के बाद ही भवनों को हैंडओवर लिया जाए. लेकिन वरीय अधिकारी के आदेश को दरकिनार कर स्थानीय स्तर पर निर्माण करा रही कंपनी ने घटिया निर्माण के बावजूद भवन को हैंडओवर करा लिया. अब ऐसे में संवेदकों की दो कंपनी 'सत्येंद्र कुमार कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड' और कंसल्टेंसी कंपनी 'रौनक कंस्ट्रक्शन एवं कंसलटेंसी' को 10 साल के लिए ब्लैक-लिस्टेड भी कर दिया गया है.
यह भी पढ़ें:
खेत से निकले लाखों रुपये के पुराने 500 और 1000 के नोट, रद्दी नोट के लिए भी ग्रामीणों में मारामारी
कई अभियंता को किया गया बर्खास्त
शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास लिमिटेड ने एक कार्यपालक अभियंता, एक सहायक अभियंता और दो कनीय अभियंता को बर्खास्त किया गया है. जबकि परिसर में सड़क निर्माण के कार्य को करने वाले कार्यपालक अभियंता एवं पीएचईडी के दो अभियंताओं के बर्खास्तगी की अनुशंसा भी की गई है. शिक्षण प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्य ने बताया कि तात्कालिक अपर सचिव संजय कुमार के जांच में भी गड़बड़ी पाई गई थी. बावजूद कहीं ना कहीं अनदेखी की गई. बता दें कि डाइट भवन के अलावे स्कूली लड़के और लड़कियों के रहने के लिए गुणवत्ता हीन भवन का निर्माण कर दिया गया. अगर कुछ हादसा होता है, तो इसकी जवाबदेही किसकी होगी ये बड़ा सवाल है.
Recent Comments