TNP DESK- चर्चा तेज है कि चुनाव आयोग सितंबर के पहले सप्ताह में बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा कर सकता है. चुनाव फेज वाइज ही होंगे, इसकी संभावना अधिक है. हालांकि बिहार का चुनाव अन्य राज्यों से कुछ अलग होता है. यहां सियासी रंग बनती - बिगड़ती रहती है. महागठबंधन की बात हो अथवा एनडीए की,अथवा अन्य छोटे दलों की , सबने तैयारी तेज कर दी है. राजद भी इसमें पीछे नहीं है. तेजस्वी यादव भी सक्रिय हो गए है. बिहार में राजनीति का हाल तो यह है कि एक साल में कई राजनीतिक दलों का गठन हो गया है. आरसीपी सिंह ने जदयू छोड़ने के बाद ,जब लोकसभा चुनाव में उन्हें तरजीह नहीं मिली , तो वह अपनी नई पार्टी "आप सब की आवाज" बना ली और विधानसभा के सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारने की बात कह डाली.
प्रशांत किशोर ने भी पिछले साल 2 अक्टूबर को पार्टी बनाई थी
प्रशांत किशोर ने भी पिछले साल 2 अक्टूबर को जनसुराज नामक से पॉलीटिकल पार्टी की घोषणा की थी. उनकी भी तैयारी 243 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की है. इधर, भारतीय पुलिस सेवा से स्वैच्छिक अवकाश लेने वाले शिवदीप लांडे भी "जय हिन्द " पार्टी की घोषणा कर दी है. अखिल भारतीय पान महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष आईपी गुप्ता ने "इंडियन इंकलाब पार्टी" की घोषणा की है. नई राजनीतिक पार्टी बनाकर उन्होंने अपने समाज का हक हासिल करने की बात कही है. मतलब साफ है कि इस बार बिहार में चुनाव के कई नए रंग देखने को मिल सकते है. पिछली बार कोरोना की वजह से 25 सितंबर 2020 को चुनाव की घोषणा की गई थी.
2015 में विधानसभा चुनाव की घोषणा 9 सितंबर को हुई थी.
2015 में विधानसभा चुनाव की घोषणा 9 सितंबर को हुई थी. 2020 में बिहार विधानसभा का कार्यकाल 29 नवंबर को समाप्त हो रहा था, जबकि वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर तक है. 2020 में विधानसभा का चुनाव तीन चरणों में हुआ था. 10 नवंबर को परिणाम घोषित हुआ था. 2015 में बिहार में पांच चरणों में चुनाव हुए थे और 8 नवंबर को परिणाम घोषित हुआ था. इधर, एनडीए के नेता तो कहते नहीं थक रहे कि मुख्यमंत्री का चेहरा नीतीश कुमार ही होंगे. इधर, महागठबंधन में अभी अप्रत्यक्ष रूप से ही सीएम फेस सामने आया है. तेजस्वी यादव को महागठबंधन कोऑर्डिनेशन कमिटी का अध्यक्ष बनाया गया है. एक तरह से माना जा रहा है कि उनकी मांग पर भले ही गठबंधन का बड़ा घटक कांग्रेस साफ-साफ कुछ नहीं बोल रही है, लेकिन वह भी लगभग राजी है. देखना है बिहार के चुनाव में आगे -आगे होता है क्या?
गुस्सा ऐसा भड़का कि जिला अध्यक्ष हो गए निलंबित
इधर ,कांग्रेस का भी एक्शन तेज है. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष की रविवार को बक्सर में आयोजित सभा के फ्लॉप होने के बाद जिला अध्यक्ष पर गाज गिरी है. तत्काल प्रभाव से कांग्रेस जिला अध्यक्ष डॉक्टर मनोज कुमार पांडे को निलंबित कर दिया गया है. सभा के दौरान पार्टी नेताओं में आपसी समन्वय का घोर अभाव देखा गया था. रैली स्थल पर जितनी कुर्सियां लगाई गई थी, उतनी भी भीड़ कांग्रेस नेता नहीं जुटा पाए थे. पार्टी ने इसे काफी गंभीरता से लेते हुए तत्काल प्रभाव से जिला अध्यक्ष को निलंबित कर दिया है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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