TNP DESK- घर में तो विवाद छिड़ा हुआ ही है, लेकिन विधानसभा चुनाव में अप्रत्याशित हार के बाद पार्टी को जोड़े रखना तेजस्वी यादव के लिए बड़ी चुनौती होगी. यह समय तेजस्वी यादव के राजनीतिक परिपक्वता की अग्नि परीक्षा भी है. उनके सलाहकारों के सूझबूझ की भी अग्नि परीक्षा है. यह बात तो सच है कि लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव के राजनीतिक कौशल में बहुत अंतर है. लालू प्रसाद यादव राजनीति के माहिर खिलाड़ी माने जाते है. लेकिन बढ़ती उम्र और अस्वस्थ होने के कारण उनकी सक्रियता अब ना के बराबर रह गई है.
हालांकि लालू प्रसाद यादव ने खुद को शासन में बनाए रखने के लिए पहले दूसरे दलों को तोड़ने में कोई कंजूसी नहीं की थी. एक समय तो उन्होंने बाम दलों के विधायकों को भी अपने साथ कर लिया था. सपा और बसपा सहित अन्य विधायकों को भी तोड़े थे. लेकिन सत्ता से हटने के बाद उनकी पार्टी में टूट शुरू हो गई. 2010 के विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद विधायक, विधान पार्षद और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने दल छोड़ा था.
राजद में सबसे बड़ी टूट 2014 में हुई थी. 14 फरवरी 2014 को राजद के 13 विधायकों ने पाला बदल लिया था. इन तेरह विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष ने अलग समूह का दर्जा दे दिया था. सभी विधायक जदयू के साथ चले गए थे. इन विधायकोंमें फैयाज अहमद, राम लखन रामरमन ,अख्तरुल इमान, चंद्रशेखर, डॉक्टर अब्दुल गफूर, ललित यादव, जितेंद्र राय,अख्तरुल इस्लाम शाहीन, दुर्गा प्रसाद सिंह, सम्राट चौधरी, जावेद अंसारी, अनिरुद्ध कुमार और राघवेंद्र प्रताप सिंह शामिल थे. हालांकि पार्टी में एकजुटता बनाए रखने के लिए तेजस्वी यादव सक्रिय हो गए है. तेजस्वी यादव ने पार्टी के विधायकों और हारे हुए उम्मीदवारों की बैठक पटना में बुलाई है. जानकारी के अनुसार सोमवार को दोपहर 2:00 बजे राजद के प्रत्याशियों एवं निर्वाचित विधायकों की बैठक बुलाई गई है.
इस बैठक में चुनाव हारने के कारणों की समीक्षा हो सकती है. इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में राजद की सीट घटकर 25 रह गई है. यहां बता दे कि इस बार महागठबंधन केवल 35 सीट ही जीत पाया है. जो 2020 की तुलना में 75 के आसपास कम है. 2025 के विधानसभा चुनाव में राजद को 25, कांग्रेस को 6, माले को दो, आईआईपी को एक सीट मिली है. 2020 में महागठबंधन ने 110 सिम जीती थी. जिनमें राजद ने 75, कांग्रेस ने 19, माले ने 12, भाकपा ,माकपा ने दो-दो सीट जीते थे. इस बार तेजस्वी यादव किसी तरह राघोपुर से चुनाव जीत पाए, लेकिन तेज प्रताप यादव महुआ से चुनाव हार गए. महागठबंधन के उपमुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार मुकेश सहनी की पार्टी का सुपड़ा साफ हो गया है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो

Recent Comments