दुमका : कहते है कि बच्चे मन के सच्चे होते है. उसे दुनियादारी से कोई मतलब नहीं होता. अच्छा बुरा की उसे समझ नहीं, वह अपने धुन में रमे रहते है. भविष्य की चिंता से मुक्त उसे बस एक ही काम रहता है और वह है खेल कर समय व्यतीत करना.
समय के साथ खिलौना का बदलता रहा स्वरूप, फिर भी लापरवाही दिखाते है अभिभावक
बच्चों के खेलने के लिए बाजार में तरह तरह के खिलौने उपलब्ध है. बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रख कर खिलौना बनाया जाता है. समय के साथ खिलौना का स्वरूप भी बदलता रहता है. इसके बाबजूद कुछ माता पिता लापरवाही कर बैठते है, जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ता है। दुमका जिला से चौंकाने वाला मामला सामने आया है.
मासूम के गले में अटका सिक्का
दुमका जिला के गोपीकांदर प्रखंड के रांगा मिशन में चार वर्षीय मासूम राम मड़ैया के गले में एक सिक्का फंस गया. जिसके बाद बालक का स्तिथि बिगड़ने लगी। परिजनों ने आनन-फानन में उसे गोपीकांदर सीएचसी में भर्ती कराया.
अस्पताल में मासूम का चल रहा इलाज
मासूम के पिता बाबूराम मड़ैया ने बताया कि बेटा राम मड़ैया खेलते वक्त एक सिक्का मुंह में ले लिया.भूल बस मुंह में रखा सिक्का निगल लिया. उसके बाद मासूम को तेज खांसी आने लगी। मुंह खोल कर देखा तो पता चला कि सिक्का गले में अटका हुआ है. काफी प्रयास के बाद जब सिक्का नहीं निकला तो उसे सीएचसी गोपीकांदर में भर्ती कराया. डॉक्टर सुमित आनंद ने बच्चे का जांच एवं एक्सरे के बाद बेहतर इलाज के लिए दुमका के फूलो झाने मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर कर दिया. बच्चे की स्थिति नाजुक बनी हुई है.
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