TNP DESK- बिहार के सबसे ताकतवर राजनीतिक घराने को बिहार का चुनाव परिणाम "हिला" कर रख दिया है. पार्टी की सीट तो घट ही गई है, अब परिवार में टूट का भी खतरा बढ़ गया है. लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे को तो पहले ही परिवार और घर से बेदखल कर दिए गए है. लेकिन अब लालू प्रसाद यादव को किडनी देने वाली बेटी रोहिनी आचार्य ने भी पार्टी और परिवार से नाता तोड़ने का ऐलान कर दिया है. लोग इसे बिहार के चुनाव परिणाम से जोड़कर देख रहे है. यहां भी संजय यादव चर्चा के केंद्र में है.
यह बात सच है कि लालू प्रसाद यादव स्वास्थ्य कारणों से अब एक्टिव नहीं रह गए है. उनकी आंखों के सामने सब कुछ हो रहा है. इस बार बिहार चुनाव में एनडीए 202 सीटों के जादुई आंकड़े को पा लिया है. वही महागठबंधन केवल 35 सीटों पर रह गया है. एनडीए को 202 सीट मिली है. यह सीट 2010 के विधानसभा चुनाव में एनडीए की रिकॉर्ड जीत से सिर्फ चार कम है. 2010 में एनडीए 2006 सीट जीती थी. 2025 के चुनाव में भाजपा 89, जदयू 85 , लोक जनशक्ति पार्टी 19, हिंदुस्तान आवाम मोर्चा 5, राष्ट्रीय लोक मोर्चा चार सीट जीतने में सफल रही है. बता दें कि एनडीए 2020 के विधानसभा चुनाव में 125 सीट जीता था.
बिहार का चुनाव परिणाम निश्चित रूप से अप्रत्याशित रहा. एनडीए ने सभी को पछाड़कर बिहार की "चाबी" अपने पास कर ली है. बिहार का चुनाव इस बार लालू प्रसाद यादव के परिवार में बड़ा जख्म दे दिया है. चुनाव परिणाम आए तो सीटों की संख्या घट गई और अब परिवार की साख दांव पर लग गया है. परिवार में बिखराव होने लगा है. बिहार चुनाव परिणाम के कुछ ही घंटे बाद लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी ने राजनीति और परिवार दोनों छोड़ने का ऐलान कर दिया है. सोशल मीडिया एक्स पर रोहिणी ने यह घोषणा की है.
बिहार चुनाव के कुछ दिन पहले ही लालू प्रसाद यादव ने अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को पार्टी और परिवार से बाहर का रास्ता दिखा दिया था. हालांकि सूत्र बताते हैं कि रोहिणी परिवार को लेकर पहली बार इस तरह की बात नहीं लिखी है. इससे पहले भी सितंबर में उन्होंने एक्स पर कुछ ऐसा ही लिखा था. तब रोहिणी ने लिखा था मैंने एक बेटी और बहन के तौर पर अपना कर्तव्य एवं धर्म निभाया है और आगे भी निभाती रहूंगी, मुझे किसी पद की लालसा नहीं है.
ना मेरी कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा है. मेरे लिए मेरा आत्मसम्मान सर्वोपरि है. उस वक्त भी माना गया था कि रोहिणी परिवार से दूरी बना रही है. लेकिन विधानसभा चुनाव में वह खुलकर तेजस्वी यादव का साथ दिया. हालांकि चुनाव परिणाम के बाद फिर उन्होंने राजनीति और परिवार से दूरी बनाने की बात कही है. बता दें कि रोहिणी आचार्य ने ही लालू प्रसाद यादव को अपनी किडनी दी है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो

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