किशनगंज (KISANGANJ): बिहार के किशनगंज में रिश्ते को कलंकित करने के एक मामले का खुलासा हुआ है.  26 जुलाई की देर रात किशनगंज शहर के कैल्टेक्स चौक के निकट हुईं, गोलीकांड मामले का किशनगंज पुलिस अधीक्षक इनामुल हक मैगनु ने प्रेस वार्ता कर खुलासा किया है. बता दें कि किशनगंज एमजीएम मेडिकल कॉलेज में प्लंबर (स्टाफ) का काम करने वाले मजदूर मृतक पप्पू गुप्ता की पत्नी और छोटे भाई ने ही उनके हत्या की सुपारी दी थी. घटना को अंजाम देने के लिए उन्होंने शूटर को 1 लाख रुपए दी थी. 

पूरा मामला 

किशनगंज पुलिस ने गोलीकांड मामले का खुलासा कर हत्या कांड में मास्टर माइंड मृतक की पत्नी, भाई और शूटर को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है. पुलिस अधीक्षक इनामुल हक मैगनु ने  जानकारी देते हुए बताया कि बिहार के नवगछिया के गोपालपुर थाना के गोसाई गांव के निवासी पप्पू गुप्ता की पत्नी प्रीति गुप्ता का प्रेम प्रसंग उसके देवर राजकुमार गुप्ता से चल रहा था. जहां भाई को रास्ते से हटाने के लिए पप्पू गुप्ता की पत्नी प्रीति गुप्ता और राजकुमार गुप्ता ने नवगछिया, रंगरा और गोपालपुर के शूटर सुरज पासवान को एक लाख रुपए का सुपारी देकर हत्या करने किशनगंज बुलाया. जब पप्पू गुप्ता अपनी मजदूरी कर रात के करीब 10:00 बजे घर जा रहे थे उसी वक्त पहले से घात लगाए बैठे शूटर ने उनपर गोली चला दी और वहां से फरार हो गया. इसके बाद घायल पप्पू गुप्ता ने अपने पत्नी को फोन कर जानकारी दी कि उसे गोली लगी है जल्दी आओ. जैसे ही पत्नी प्रीति गुप्ता को पति के जिंदा होने की सूचना मिली तो प्रीति ने उक्त अपराधी को फोन कर बताया कि उसका पति अभी भी जिंदा है. जिसके बाद अपराधी वापस आ कर फिर घायल पप्पू गुप्ता पर चाकू से वार कर उसे बुरी तरह घायल कर दिया. इसके बाद इलाज के दौरान पप्पू गुप्ता की मौत हो गयी. 

यह भी पढ़ें:

BHAGALPUR: शादी का झांसा देकर नाबालिग का यौन शौ'षण करने वाला गिरफ्तार

घटना में छह लोगों की संलिप्तता

पुलिस ने तकनीकी अनुसंधान के माध्यम से एसआईटी टीम गठित कर हत्या का उद्भेदन करने में सफलता प्राप्त किया. हालांकि पुलिस अधीक्षक ने घटना में छः लोगों की संलिप्तता रहने की बात बताई.  जिसमें 3 अपराधियों को गिरफ्तार करने के साथ अन्य 3 अपराधी को बहुत जल्द गिरफ्तार कर लेने की बात कहि है. पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में गठित एसआईटी टीम में अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अनवर जावेद अंसारी, सदर थाना अध्यक्ष अमर प्रकाश सिंह, एएसआई संजय यादव सहित 10 सदस्य टीम ने मामले का उद्भेदन करने में सफलता प्राप्त किया.