औरंगाबाद(AURANGABAD): रोजाना सभी के घरों में बिजली की खपत होती है जिसका महीने में बिल आता है. एक आम परिवार में 1 महीने में कितना बिल आ सकता है. ज्यादा से ज्यादा एक 2 या 5 हजार रूपया यदि परिवार बड़ा हो तो चलो मान लेते हैं 10 हजार का बिल महीने का आ सकता है लेकिन बिहार के एक शख्स को महज एक माह के बिजली का बिल 3 करोड़ 7 लाख 77 हजार 431 रूपये का मिला तो उसे 440 वोल्ट का करंट ही लग गया. उसको इतना जोर का झटका लगा कि बेचारा गश्त खाकर जमीन पर गिरते-गिरते बचा. अब वह बिल में सुधार के लिए बिजली विभाग के अधिकारियों का चक्कर काट रहा है.
तीन कमरों के घर का होश उड़ा देनेवाला इतना बड़ा बिल
ममरेजपुर गांव निवासी दीपक कुमार का घर महज तीन कमरों का है. वह रफीगंज थाना में डाटा एंट्री ऑपरेटर के पद पर कार्यरत है. दीपक ने बताया कि पिछ्ले महीने ही 24 मार्च को उन्होने दो माह का बकाया बिजली बिल 228 रुपये समय से जमा किया था. इसके बावजूद जब 17 अप्रैल को मीटर रीडर विवेक कुमार रीडिंग लेने आया, तो उसने पहले बिल में हेरफेर किया. इसके बाद नया बिल बनाकर रसीद फाड़ दीया था. इसके बाद 3 करोड़ 7 लाख 77 हजार 431 रुपये का बिल थमा दिया. उनके पिता ने जब इसका विरोध किया तो बिजली कर्मचारी ने कहा कि बिल में सुधार कर रसीद दिया जाएगा लेकिन अबतक उन्हे कोई नई रसीद या बिल नहीं दिया गया है.
दिन में घर खाली, रात में भी बिजली का कम उपयोग
दीपक ने बताया कि दिन में उनका घर खाली ही रहता है. रात में भी बिजली का कम ही इस्तेमाल होता है. उसने बताया कि उसके घर में 2021 में बिजली विभाग ने नया मीटर लगाया था. इसके बावजूद करोड़ों रुपये का बिल थमा दिए जाने से साफ है कि बिजली विभाग के पूरे सिस्टम में ही झोल है. पूरा मामला औरंगाबाद के दाउदनगर प्रखंड के मनार पंचायत के ममरेजपुर गांव का है.
कनीय अभियंता ने मानी तकनीकी त्रुटि, सुधार का दिया भरोसा
मामले में विद्युत विभाग के कनीय अभियंता मनोज कुमार सिंह ने स्वीकार किया है कि यह तकनीकी खराबी के कारण हुआ है. बिजली बिल में शीघ्र ही सुधार कर दिया जाएगा. उपभोक्ता को चिंतिंत होने की जरूरत नहीं है.
पीड़ित ने की मामले की जांच की मांग
मामले में पीड़ित उपभोक्ता दीपक ने इसकी उच्चस्तरीय जांच की मांग की. मामले की जांच हो और दोषियों पर कार्रवाई भी हो. बिजली विभाग द्वारा इस तरह की गड़बड़ी पहले भी की गई है. आरोप लगाया कि मीटर रीडर द्वारा अक्सर समझौते के नाम पर रूपयों की उगाही की जाती है. इस तरह की अवैध गतिविधियां बंद होनी चाहिए और बिजली उपभोक्ताओं के साथ इंसाफ होना चाहिए.
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