मुजफ्फरपुर(MUZAFFARPUR): जिले में हुए स्वर्ण व्यवसाई अपहरण कांड की कहानी किसी फिल्मी कहानी की तरह है. दरअसल, यूपी के गोरखपुर के सोना कारोबारी का बंगाल में कारोबार है. सोना कारोबारी के स्टाफ कमलेश यादव को बंगाल से बिहार आने के क्रम में अगवा कर लिया जाता है. फिरौती के रूप में व्यवसाई से दो करोड़ से अधिक का सोना और लाखों रुपए नगद वसूले जाते हैं. और जब पुलिस इस मामले की तह तक पहुंचती है तब बिहार का एक बड़ा ट्रांसपोर्टर इस पूरे मामले का सूत्रधार और मास्टरमाइंड निकलता है. वह मास्टरमाइंड है जय गुरुदेव ट्रांसपोर्ट कंपनी का मालिक मृत्युंजय कुमार उर्फ पिंटू सिंह.
कौन है पिंटू सिंह?
मुजफ्फरपुर जिला के सरैया थाना क्षेत्र के बतरौलिया गांव निवासी कमलेश्वर सिंह का पुत्र मृत्युंजय कुमार उर्फ पिंटू सिंह कई मामलों में चर्चित रहा है. समाज में उसकी पहचान एक बड़े दबंग ट्रांसपोर्टर के रूप में रही है. बिहार सरकार के कई मंत्रियों के साथ उसने अपने मधुर संबंध बना रखे हैं. कई मौकों पर पिंटू सिंह के बस का उद्घाटन करने बिहार सरकार के मंत्री खुद मुजफ्फरपुर पहुंचे थे. पुलिस की विशेष टीम ने कुख्यात पिंटू सिंह को गिरफ्तार कर लिया है. पूर्व मेयर समीर हत्याकांड में भी पिंटू सिंह का नाम शामिल रहा है. गिरफ्तारी के बाद जब पुलिस ने पिंटू सिंह से पुछताछ की तो एक बड़े गिरोह का नाम सामने आया. पिंटू सिंह के पास से पुलिस ने ढाई किलो सोना, व्यवसाई से वसूला गया 5 लाख रुपये कैश और हथियार बरामद किया है.
SSP ने प्रेस कान्फ्रेंस कर दी जानकारी
इस पूरे मामले के बारे में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर SSP जयंत कांत ने जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि उत्तरप्रदेश के एक व्यवसाई का बंगाल में भी सोना का कारोबार है. सोना कारोबारी का स्टाफ बंगाल से बिहार आ रहा था. रास्ते में ही हाजीपुर में चलती बस से कारोबारी को उतार लिया गया. फिरौती के रूप में कारोबारी के पास रखा ढाई किलो सोना और लाखों रुपए नगद की वसूली की गई. वसूली होने के बाद कारोबारी को मीनापुर थाना के पानापुर इलाके में मुक्त किया गया. पुलिस ने सूचना मिलने के बाद सिसिटिवी और अन्य तकनीकी सहायता से दोषियों को चिन्हित किया. इस मामले में जयगुरुदेव बस कंपनी के मालिक मृत्युंजय कुमार सिंह उर्फ पिंटू सिंह को गिरफ्तार किया गया है. इन्होंने कांड में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली है, और अन्य कई साथियों के नाम भी बताए हैं. पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार इसके अलावा भी इनका नाम कई मामलों में आ चुका है. अन्य अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए भी छापेमारी चल रही है.
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