पटना(PATNA): जेडीयू ने अपने पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री रहे आरसीपी सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. आरसीपी और उनके घर वालों ने 2013 से अब तक नालंदा जिले के सिर्फ दो प्रखंड अस्थावां और इस्लामपुर में करीब 40 बीघा जमीन खरीदी है. कई और जिलों में भी उनकी संपत्ति होने की बात सामने आई है. पार्टी ने इसे भ्रष्टाचार के मोर्चे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति के खिलाफ माना है और कठघरे में खड़ा करते हुए इस मामले पर स्पष्टीकरण मांगा है. दिलचस्प यह है कि इस संपत्ति का ब्योरा जदयू के ही नेताओं ने ही जुटाया है.
ज्यादातर जमीन पत्नी और दोनों बेटियों के नाम पर
खरीदी गई ज्यादातर जमीनें आरसीपी सिंह की पत्नी (गिरजा सिंह) और दोनों बेटियों (लिपि सिंह, लता सिंह) के नाम पर है. एक आरोप यह भी है कि आरसीपी ने खासकर 2016 के अपने चुनावी हलफनामे में इसका जिक्र नहीं किया है.
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इस्लामपुर अंचल में 2013 से 2016 में खरीदे गए 24 प्लॉट
इस्लामपुर (हिलसा) अंचल के सैफाबाद मौजा में 12 और केवाली अंचल में 12 प्लॉट खरीदे गए. यह खरीद 2013 से 2016 के दौरान हुई. ये प्लॉट लिपि सिंह और लता सिंह के नाम पर खरीदे गए. 28 अप्रैल 2014 को चरकावां (नीमचक बथानी, गया) के नरेश प्रसाद सिंह ने बेलधर बिगहा (छबीलापुर, नालंदा) के धर्मेंद्र कुमार को दान में जमीन दी. बाद में धर्मेंद्र कुमार ने यही जमीन लिपि सिंह और लता सिंह के नाम बेच दी.
अस्थावां में खरीदे 34 प्लॉट,आरसीपी का ही नाम
जदयू के दस्तावेज के अनुसार, अस्थावां के शेरपुर मालती मौजा में 33 प्लॉट की खरीद हुई. इनमें 4 प्लॉट 2011- 2013 में लता सिंह और लिपि सिंह के नाम पर खरीदे गए. पिता के रूप में आरसीपी सिंह का नाम है. बाकी 12 प्लॉट गिरजा सिंह और 18 प्लॉट लता सिंह के नाम पर खरीदे गए. महमदपुर में 2015 में एक प्लॉट गिरजा सिंह के नाम पर खरीदा गया. 2011 में 2, 2013 में 2, 2014 में 5, 2015 में 6, 2017 में 1, 2018 में 3, 2019 में 4, 2020 में 3, 2021 में 6 तथा 2022 में 2 प्लॉट खरीदे गए. फिलहाल जेडीयू का कोई भी नेता इस मामले पर बात नहीं कर रहा है. लेकिन बीजेपी जरूर इसे जेडीयू का अंदुनी मामला बता रही है.
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