नालंदा(NALANDA): पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह के ऊपर लगे जमीन से जुड़े गंभीर मामलों को लेकर शनिवार को दिन भर राजनीतिक गलियारों से लेकर मिडीया में यह खबर सुर्खियों में रही. इसके बाद देर शाम पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह मीडिया से रूबरू हुए. उन्होंने अपने पैतृक मुस्तफापुर गांव में प्रेस वार्ता का आयोजन किया. इस मौके पर पूर्व केंद्रीय मंत्री थोड़े भावुक भी दिखे.उन्होंने प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि जिसके खुद के घर शीशा का हो वह दूसरे के घरों में पत्थर नहीं मारा करते .

इसके बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने जदयू छोड़ने का एलान कर दिया . कुछ दिन पहले ही उन्हें केंद्र सरकार के मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना पड़ा था , उन्होंने कहा कि जल्द वे खुद की पार्टी बनाने पर विचार करेंगे. जदयू पार्टी डूबता हुआ जहाज है जो भी कार्यकर्ता इस डूबते हुए जहाज को छोड़ना चाहते है छोड़ दे. मैंने हमेशा पार्टी में सच्चे कार्यकर्ता के रूप में काम किया. एक वक्त था जब आरसीपी सिंह नीतीश कुमार के काफी करीबी थे. नीतीश कुमार के हर फैसले में आरसीपी सिंह की राय होती थी और आज वो वक्त है जब आरसीपी सिंह उनका नाम तक सुनना नहीं चाहते. आरसीपी सिंह ने तो आज यहाँ तक कह दिया कि सात जन्मों में सीएम नीतीश कभी प्रधानमंत्री नही बन पाएगे. 

कौन हैं आरसीपी सिंह

आरसीपी सिंह मूल रूप से नालंदा के रहने वाले हैं. वे नितीश कुमार के बेहद करीबी माने जाते रहे हैं. राजनीति में आने से पहले वो उत्तर प्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी रह चुके हैं. 2010 में उन्होंने आईएएस से रिटायरमेंट ले लिया था, उनको पार्टी में नीतीश के बाद नंबर 2 का दर्जा हासिल था. JDU के राज्यसभा सांसद बनने से पहले वे जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव थे. राज्यसभा सांसद बनने के बाद वे केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में स्टील मंत्री रहे. इस बार के राज्यसभा चुनाव में उन्हें उम्मीद थी कि जदयू उन्हें फिर से राज्यसभा भेजेगी. मगर, ऐसा हुआ नहीं राज्यसभा चुनाव नहीं लड़ पाने के कारण उनका राज्यसभा सांसद के तौर पर कार्यकाल पूरा हो चुका था. इस कारण मजबूरी में उन्हें इस्तीफा देना पडा. 

नीतीश और आरसीपी सिंह के बीच खटपट 

कभी जदयू में नंबर दो की हैसियत रखनेवाले आरसीपी सिंह के सितारे इन दिनों गर्दिश में चल रहे हैं.बिहार के सियासी गलियारों में चर्चा है कि राज्यसभा चुनाव का टिकट कटने के बाद नीतीश और आरसीपी के बीच सियासी खटपट शुरु हो गई थी. पार्टी के सभी बड़े पदों से हटाने के साथ उन्हें उन्हें राज्यसभा जाने से भी वंचित कर दिया गया . आरसीपी सिंह के चेहरे पर गुस्सा साफ देखा जा रहा था जब एक पत्रकार ने उनसे कहा कि कभी आप सीएम नीतीश के हनुमान होते थे तो वो खीझ भरे शब्दो मे जवाब दिया कि वो किसी के हनुमान नहीं रहे उनका नाम 'रामचंद्र' है.