भागलपुर(BHAGALPUR): भागलपुर जिला के कहलगांव अनुमंडल के मध्य विद्यालय साहूपारा में बच्चों को ब्लैक बोर्ड के स्थान पर लोहे के दरवाजे पर पढ़ाया जाता है. इस से अंदाजा लगा सकते हैं कि बिहार में शिक्षा व्यवस्था किस स्तर की है. कक्षा 4 के बच्चे बरामदे पर बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं और ब्लैक बोर्ड के स्थान पर शिक्षक कमरे के दरवाजे में लिखकर समझा रहे हैं.
विद्यालय में करीब 380 छात्र नामांकित
कक्षा चार में 54 छात्र नामांकित हैं. जो छात्र पहुंचे वो सभी बरामदे पर बूट का बोरा बिछा कर उसपे बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं. ऐसा नहीं कि कक्षा 4 के लिए कमरा नहीं है. इस स्कूल के गलत मैनेजमेंट के कारण सभी छात्र बरामदे पर ही बैठकर पढ़ते हैं. कक्षा 4 के कमरे को स्टोर रूम बना दिया गया है. इस विद्यालय में करीब 380 छात्र नामांकित हैं.
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नौनिहालों के भविष्य से खिलवाड़
मामले को लेकर के प्रधानाध्यापिका बताती हैं कि यहां कमरे की कमी है इसलिए बरामदे पर बिठाते हैं. बोर्ड नहीं है जब पैसा आएगा तब बोर्ड खरीदेंगे. स्कूल में दूसरा कमरा है वहां बोर्ड भी है लेकिन वहां मध्याह्न भोजन का आलू है. बाहर में प्राकृतिक हवा है इसलिए बच्चा यहां पढ़ता है. इस हालात पर नौनिहालों की मानें तो प्रधानाध्यपिका के कहने पर 1 महीने से बाहर में ही बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं और ब्लैकबोर्ड नहीं होने के कारण दरवाजे पर शिक्षक पढ़ाते हैं. दरवाजा ही ब्लैकबोर्ड है. बहरहाल तस्वीर पानी की तरह साफ है कि किस तरह से नौनिहालों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है.
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