मोतिहारी(MOTIHARI): बिहार में एनडीए की सरकार से पलटी पर भाजपा कोटे के रहे मंत्री से लेकर कार्यकर्ता तक नीतीश कुमार पर हमलावर हो गए हैं. इसी दौरान बिहार सरकार के गन्ना एवं विधि शाखा मंत्री रहे प्रमोद कुमार ने यहां तक आरोप लगा दिया है कि नीतीश कुमार पीएफआई के संरक्षक हैं. पीएफआई के बचाव को लेकर ही उन्होंने गठबंधन तोड़ा है.

प्रमोद कुमार ने फुलवारी शरीफ के थानाध्यक्ष को धन्यवाद देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के पूर्व पीएफआई से जुड़े आतंकी संगठनों का खुलासा किया. जैसे ही पीएफआई पर कार्यवाई शुरू हुई तो नीतीश कुमार परेशान होने लगे. उन्हें लग रहा था कि आतंकियों के विरुद्ध हो रहे कार्रवाई सामाजिक सौहार्द बिगाड़ा जा रहा है. जबकि ऐसा नहीं है जिस रफ्तार से पीएफआई अपने संगठन का बिल बिहार में विस्तार कर रहा था, वैसे में बिहार बारूद के ढेर पर खड़ा हो गया था. अगर समय रहते कार्रवाई नहीं हुई रहती तो न जाने क्या होता. मुख्यमंत्री को सोचने की जरूरत है. जिस तरह से जनादेश का उल्लंघन कर पार्टी के साथ सरकार बनाये जिस पर भ्रष्टाचार का कई गंभीर आरोप हैं. जिन्हें उप मुख्यमंत्री बनाये हैं उनके पिता झारखंड के जेल में सजा काट रहे हैं. जिनकी बिहार में सरकार आने के बाद राज्य की जनता डर जाती है उन्हें जेट प्लस की सुरक्षा दी गई है. आखिर उन्हें किससे खतरा है. बिहार के खजाना को खाली करने का काम कर रही है. इसका जबाब 2024 और 25 के चुनाव में जनता पूछेगी, और इन्हें हराने का काम करेगी.