रोहतास(ROHTAS): घर संभालने के साथ साथ जब एक बहू पुलिस अधिकारी बनी, तो सड़कों के बीचों-बीच पुशअप कर लड़कियों ने उन्हें सलामी दी. लड़कियों ने पुशअप कर बताया कि आप  प्रेरणा हो उन लड़कियों के लिए जो शादी के बाद अपने सपने को मारकर , घर परिवार की जिम्मेदारी में उलझ जाती हैं. ऐसी ही एक सहेली ने जब 'दारोगा' के इम्तिहान में परचम लहराया तो  खुशी झूम उठी. लड़कियों ने अपने सहेली को बीच सड़क पर पुशअप कर उसे विदाई दी. 

रोहतास की छोरियां, छोरो से कम नहीं 

बिहार के रोहतास में जब दरोगा बहाली का फ़ाइनल रिजल्ट आया तो लड़कों को पछाड़कर  बेटियों ने बाजी मारकर फिर जिले का नाम रोशन किया है. डेहरी के PPCL  कॉलोनी में सेना के रिटायर्ड जवान अक्षय कुमार सिंह द्वारा चलाए जा रहे निशुल्क ट्रेनिंग सेंटर से दो लड़कियों ने दरोगा बहाली में सफलता हासिल कर एकेडमी का नाम रोशन किया है.  ऐसे में जब दरोगा बनी श्यामली कुमारी एकेडमी में पहुंची तो उनके साथ ट्रेनिंग कर रही लड़कियों ने उसका  फूल- माले से उसका स्वागत किया. एकेडमी की लड़कियों ने श्यामली के कामयाबी को पूरे रोहतास में रोड शो के जरिये ये संदेश भी दिया कि  रोहतास की छोरियां , छोरो से कम नहीं है. 

पति और परिवार का मिला साथ 

दरोगा बनी श्यामली ने कड़ी मेहनत और लगन से ये मुकाम हासिल की है. श्यामली के इस सफलता में ट्रेनर अक्षय कुमार सिंह का भी बड़ा योगदान रहा जिन्होंने फिजिकल की ट्रेनिंग के साथ साथ एक सकारात्मक सोच भी दी. श्यामली शादी शुदा  होने के बावजूद अपनी पढाई , फिजिकल ट्रेनिंग और घर संभालते हुए ये मुकाम हासिल की है. इसा सफलता में श्यामली के  पति व परिवार का साथ मिलने के बाद उसकी मुश्किलें और आसान हो गई और  वह अब दरोगा के पद पर काबिज हैं. 

श्यामली तमाम महिलाओं की प्रेरणा 
 
ट्रेनर अक्षय कुमार सिंह के  फिजिकल एकेडमी में दूरदराज से आए बच्चे और बच्चियों को निशुल्क ट्रेनिंग दी जाती है. इस एकेडमी में पहले भी 30 से ज्यादा लड़के और लड़कियों ने दरोगा के इम्तिहान  में क्वालीफाई किया है. इस बार भी श्यामली और पूनम ने दारोगा बनकर इलाके का नाम रोशन किया है. बहरहाल, श्यामली की कामयाबी इसलिए भी बड़ी है कि घर परिवार संभालते हुए उसने अपने कठिन परिश्रम और टाइम मैनेजमेंट करते हुए ये कामयाबी हासिल की है , जो उन तमाम महिलाओं के लिए प्रेरणा भी है जो शादी के बाद अपने सपने को मारकर घर परिवार में उलझ जाती हैं.