मोतिहारी(MOTIHARI): पूर्वी चंपारण में यूरिया खाद के लिए हाहाकार मचा है.  खाद के लिए लोग दर-दर भटक रहे हैं. किसान हर रोज एक बोरी यूरिया पाने की उम्मीद में कभी दुकानदारों तो कभी रिश्तेदारों से संपर्क कर रहे हैं. ताकि कहीं से भी काम चल सके.वहीं उर्वरक कारोबारी लुका छिपी का खेल खेलकर 550-600 रुपये प्रति बैग की कालाबाजारी करने में लगे है. इस पर लगाम लगाने में जिला प्रशासन भी विफल है. 

 

4 ट्रैक्टर यूरिया जब्त 

बॉर्डर इलाके से उर्वरक की तस्करी जारी है.  इस मामले में अधिकारी डाल-डाल चल रहे हैं तो तस्कर पात-पात. इस बीच बॉर्डर पर तैनात एसएसबी को एक सफलता हाथ लगी है. सीतामढ़ी के 20 वाहिनी बटालियन ने गुवाबरी कैम्प भारत नेपाल सीमा पर  4 ट्रैक्टर यूरिया जब्त किया है. पूरे ट्रैक्टर में लगभग 390 बोरी यूरिया लदा हुआ था. जिसे तस्कर नेपाल में खपाने के लिये ले जा रहे थे. तभी एसएसबी को गुप्त सूचना मिली की कुछ तस्कर तस्करी के लिये यूरिया ले जा रहे हैं.  जिसके बाद एसएसबी ने ये कार्यवाई की है. 

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नेपाल में ज्यादा कीमत पर बेचा जाता है यूरिया 

बता दें कि जिस यूरिया की कीमत भारत में 265 से 270 के बीच में है. नेपाल में उसी यूरिया को तस्कर 1 हजार से अधिक रूपए में बेचते हैं. हालांकि इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है. सभी अंधेरा का फायदा उठाकर नेपाल की ओर भाग निकले. इस मामले में एसएसबी के एस आई रोहित धामा ने बताया कि सभी जब्त यूरिया व ट्रैक्टर को कस्टम को सुपुर्द कर दिया गया है ताकि अग्रतर कार्यवाई हो सके. 

जिला कृषि पदाधिकारी ने कही ये बात 

वहीं इस मामले में जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि  एसएसबी ने जो कार्रवाई की है उसमें जब्त यूरिया को कस्टम विभाग को दे दिया गया है. ये सही नहीं है क्योंकि उर्वरक कृषि विभाग के अधीन आता है और अगर जब्त यूरिया व ट्रैक्टर को कृषि विभाग के हवाले किया जाता तो तस्करों को चिन्हित कर कार्रवाई की जाती.  उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर वे  एसएसबी के उच्चाधिकारियों से बात करेंगे.