सरायकेला-खरसावां(Saraikela-Kharsawan): जिले के सबसे चर्चित कन्हैया सिंह हत्याकांड का खुलासा पुलिस ने शुक्रवार को कर दिया है. इस खुलासे के बाद लोगों का बेटी-पिता के पवित्र रिश्ते से भरोसा उठ जाएगा.
क्या है पूरा मामला
बीते 29 जून को जिले के आदित्यपुर थाना अंतर्गत हरिओम नगर निवासी ईचागढ़ के पूर्व विधायक अरविंद सिंह के साले कन्हैया सिंह की हत्या कर दी गई थी. जिसके बाद अचानक से कोल्हान की राजनीति में भूचाल आ गया था. तमाम आलोचनाओं को झेलते हुए अंततः पुलिस ने शुक्रवार को कन्हैया सिंह हत्याकांड से पर्दा उठा दिया है. पुलिस ने कन्हैया सिंह हत्याकांड में अबतक कुल 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. वहीं, दो की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस छापेमारी कर रही है. गिरफ्तार आरोपियों में कन्हैया सिंह की बड़ी बेटी अपर्णा सिंह, उसका प्रेमी राजवीर सिंह, शूटर निखिल गुप्ता और सौरभ किस्कू है. सभी गिरफ्तार आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. वहीं, पुलिस दो अन्य अपराधी छोटू और रवि सरदार की गिरफ्तारी को लेकर छापेमारी कर रही है.
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SP आनंद प्रकाश ने दी जानकारी
कन्हैया सिंह हत्याकांड से पुलिस ने पर्दा उठा दिया है. सभी के जेहन में बस यही चल रहा है कि क्या एक बेटी अपने बाप की हत्या करवा सकती है? आखिर क्या वजह रही होगी कि बेटी को इस हद तक जाना पड़ा. एसपी आनंद प्रकाश ने बताया कि कन्हैया सिंह की बेटी ही घटना के दिन अपने पिता के लोकेशन की पल-पल की जानकारी हत्यारों को दे रही थी. कन्हैया सिंह की बेटी ने अपने पिता की हत्या के लिए शूटर को अपने हीरे की अंगूठी बतौर पेशगी दी थी. उन्होंने बताया कि कन्हैया सिंह अपनी बेटी के रिश्ते से खुश नहीं थे और वह इसका लगातार विरोध कर रहे थे. हत्या करने बाद निखिल(शूटर) सीधे राजवीर(बॉयफ्रेंड) के घर गया, जहां राजवीर ने शूटर के जूते छिपाए और कुछ पैसे दिए और बक्सर (बिहार) चला गया.
कांग्रेस नेता के पुत्र सौरभ ने हथियार मुहैया कराया
एसपी ने बताया कि पूरे कांड का उद्भेदन तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर किया गया है. साथ ही कांड से संबंधित सभी साक्ष्य ऑडियो क्लिप के जरिए अपर्णा (बेटी) को भेजता था. घटना से 5 दिन पूर्व राजवीर (बॉयफ्रेंड) ने निखिल (शूटर) के साथ मिलकर पूरी प्लानिंग की, जिसके बाद अपर्णा ने सहमति जताई फिर इस कांड को अंजाम दिया गया. उन्होंने बताया कि सरायकेला कांग्रेस कमेटी के जिला अध्यक्ष छोटू राय के पुत्र सौरभ किस्कू ने हथियार मुहैया कराया. इससे पूर्व भी एक बार कन्हैया सिंह को मारने का प्रयास किया गया था जिसमें वो असफल रहे, जिसके बाद 29 जून को दूसरे प्रयास में कन्हैया सिंह को मार दिया गया.
आरोपियों के द्वारा कन्हैया सिंह को पहले पटना में ही मार देने की योजना बनाई गई थी. पकड़े गए आरोपियों के पास से पुलिस ने चार मोबाइल, एक कट्टा खोखा साथ ही टी-शर्ट, गमछा और एक अपर्णा के हीरे के अंगूठी निखिल (शूटर) के घर से बरामद किया गया है. साथ ही एमजी हेक्टर जेएच 05 सीवाई 3902 बरामद किया है. सौरभ किसको ने ₹8500 में निखिल(शूटर) को कट्टा उपलब्ध कराया था.
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कैसे हुई हत्या
घटना के दिन कन्हैया सिंह अपने जीजा पूर्व विधायक अरविंद सिंह उर्फ मलखान सिंह के साथ थे. दोनों किसी श्राद्ध कर्म में भाग लेने गए थे. वहां से दोनों साथ लौटे मलखान सिंह को उनके घर पर उतार कर साला कन्हैया सिंह अपने घर जाने के लिए आगे बढ़े और 70 टॉकीज मोड़ के पास पहुंचे, तब अपर्णा(बेटी) ने ने आखरी बार फोन किया था. आखिरी बार फोन के दौरान पिता ने अपनी बेटी को बताया कि वह सड़क पार कर रहे हैं. जानकारी मिलते ही अपर्णा(बेटी) ने इसकी सूचना व्हाट्सएप मैसेज के जरिए राजवीर (बॉयफ्रेंड) को दे दी. जिसके बाद हत्यारे को जानकारी दी गई, जिसके बाद छत पर बैठे हत्यारों ने नीचे उतरते ही कनपटी पर गोली मार दी, जिससे कन्हैया सिंह की मौत हो गई.
हत्या करने के बाद निखिल गुप्ता (शूटर) एक रास्ते से भागा, जिसका सीसीटीवी में फूटेज दिख गया. दूसरे और तीसरे दिशा में सौरव और छोटू भाग निकले, जिसके बाद निखिल गुप्ता वहां से भागकर राजवीर से मांगो में मिला. मिलने के बाद हत्या का पैसा लेकर वो बिहार फिर बनारस चला गया, जहां पुलिस ने उसे पकड़ लिया.
रिपोर्ट: रंजीत ओझा, जमशेदपुर
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