टीएनपी डेस्क: दिशोम गुरु शिबू सोरेन का श्राद्ध कर्म नेमरा में हो रहा है. पुत्र हेमंत सोरेन पुत्र धर्म के साथ साथ राजधर्म का निर्वहन साथ साथ कर रहे है. शनिवार को अंतिम कार्यक्रम है. लाखो की संख्या में लोग नेमरा गांव पहुचेंगे. 

सीमन सोरेन सहित परिवार के पुरुष सदस्यों ने कराया मुंडन, महिलाओं ने कटवाया नाखून

15 अगस्त को हेमंत सोरेन ने रीति रिवाज के अनुरूप मुंडन करवाया. वर्षो बाद हेमंत सोरेन का नया लुक लोगों के सामने आया. देखते ही देखते तस्वीर वायरल हो गयी. लेकिन इस सब के बीच दुमका में गुरु जी के प्रति एक परिवार की आस्था ऐसी कि सदस्यों ने श्राद्ध कर्म किया. 15 अगस्त को दशकर्म के मौके पर कडहरबिल निवासी सिमोन सोरेन ने गुरुजी के नाम श्राद्ध कर्म किया. घर के पुरुष सदस्य ने मुंडन किया जबकि महिला सदस्य ने नाखून काटा.  रिवाज के अनुरूप सभी ने सखुआ का दतमन किया. हल्दी, मिट्टी और सरसों पीसकर और सरसों तेल लगाकर स्नान किया. 

दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना, प्रसाद स्वरूप खाया खीर और दही चूड़ा

उसके बाद सभी सदस्यों ने गुरु जी की तस्वीर पर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना किया. ग्रामीणों के साथ मिलकर प्रसाद स्वरूप खीर और दही चूड़ा ग्रहण किया. इस अनुष्ठान में घर के अलावा अन्य लोग भी शामिल थे.  मौके में सिमन सोरेन, सनोदी हेम्ब्रोम, मनोज सोरेन, विरेंदर सोरेन, शिल्पा हांसदा, रूपलाल मुर्मू, अमित मुर्मू, बुदिन सोरेन, विनय कुमार, बुधन मरांडी, जियाराम रॉय, फिलिमन मरांडी, मनीषा भंडारी, मधु अली खान, विजय हांसदा, मो. नौसाद, मनोज रजक आदि उपस्थित थे.

हर दुख दर्द में शामिल होते थे गुरुजी : सीमन सोरेन

दुमका दिशोम गुरु की कर्मस्थली है. यहाँ के लोग गुरुजी को भगवान के रूप में पूजते है. सीमन सोरेन का कहना है कि गुरुजी पारिवारिक सदस्य के रूप में थे. हर दुख दर्द में शामिल होते थे. इसलिए मुंडन कराया है. सीमन ने गुरुजी के नाम श्राद्ध कर्म करके यह साबित किया है कि खून के रिश्ते से अलग भी एक रिश्ता होता है और वह रिश्ता है इंसानियत का.

रिपोर्ट: पंचम झा