टीएनपी डेस्क(TNP DESK): दर्द भरी आवाज के नायक माने जाने वाले प्रसिद्ध गायक मुकेश ने सैकड़ों गाने गाकर लोगों का मनोरंजन किया. मुकेश जैसा कोई दूसरा गायक आज तक नहीं हुआ है. हां, उनकी आवाज की नकल करने वाले कुछ लोग जरूर हुए.
गायक कलाकार मुकेश माथुर का जन्म दिल्ली में 1923 में हुआ था. गायकी के प्रति उनका लगाव बचपन से ही था. उन्होंने बहुत ही संघर्ष कर फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाई. ग्रेट शो मैन राज कपूर ने उन्हें बहुत सम्मान दिया. राज कपूर अक्सर कहते थे कि मुकेश उनकी आवाज हैं.
मुकेश ने संगीतकार शंकर जयकिशन और गीतकार शैलेंद्र के साथ ऐसे दर्जनों फिल्मी गीत गाए जो आज भी अमर हैं. दर्द भरे गाने इस तरह के होते थे, जैसे कि मुकेश ने उसे अपनी फीलिंग के आधार पर हृदय की गहराइयों से गाया हो.
ये सभी गाने आज भी यादगार
ऐसा नहीं कि मुकेश नए रोमांटिक गाने नहीं गए."तौबा ये मतवाली चाल,झुक जाए फूलों की डाल"..."कोई जब तुम्हारा हृदय तोड़ दे..."इब्तिदा ए इश्क में सारी रात जागे..."बरखा रानी जरा जम के बरसों...." ऐसे अनेक गाने हैं. दर्द भरे गीत का तो कोई जोड़ ही नहीं है. "आ लौट के आजा मेरे मीत", "जुबां पे दर्द भरी दास्तां चली आई", "दोस्त दोस्त ना रहा प्यार प्यार ना रहा","जीना यहां मरना यहां".... जैसे गाने आज ही यादगार हैं.
1946 में भाग कर की थी शादी
मुकेश ने जो गाने गाए उस में दर्द होता था लेकिन उनके दिल में प्यार भी बहुत था.उन्होंने 17 वर्ष की उम्र में ही सरला त्रिवेदी रायचंद से प्यार किया. सरला करोड़पति घर की लड़की थी और वह मुकेश से 1 साल बड़ी थीं.सरला के परिवार वाले मुकेश और सरला के मिलने जुलने तक से खफा थे. अंत में मुकेश ने सरला के साथ 1946 में भाग कर शादी की. उनका यह प्यार स्वर्णिम साबित हुआ.
फिल्म इंडस्ट्री के लोग उन्हें श्रद्धांजलि देकर याद कर रहे
मुकेश के लिए संगीत ही उनका जीवन था और जीवन के अंतिम समय में भी वे अमेरिका में गाने गये थे. जितने अच्छे गायक मुकेश थे उतने ही अच्छे इंसान भी थे.फिल्म इंडस्ट्री में वे शालीनता और शौकीन स्वभाव के प्रतीक माने जाते थे. उनकी पांच संताने हैं.नितिन मुकेश उनके ही सुपुत्र हैं. 22 जुलाई उनकी जयंती है. उनके प्रशंसक और फिल्म इंडस्ट्री के लोग उन्हें श्रद्धांजलि देकर याद कर रहे हैं.
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