रांची (RANCHI) : रांची के सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल मेडिका को एक हफ्ते के भीतर दूसरा बड़ा झटका लगा है. न्यूरो विभाग के दूसरे सबसे बड़े डॉक्टर डॉ पैट्रिक प्रबोध मिंज ने मेडिका का साथ छोड़ दिया है. बता दें कि 15 मार्च को यहां के मेडिका के फाउंडर डायरेक्टर, वाइस प्रेसिडेंट, न्यूरो विभाग के हेड डॉ संजय कुमार ने मेडिका का साथ छोड़ दिया था. अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है कि मेडिका छोड़ने के बाद ये दोनों डॉक्टर कहां जाएंगे, पर तय है मेडिका के न्यूरो विभाग में इलाज का बड़ा संकट आ खड़ा हुआ है. कोई भी सीनियर डॉक्टर न्यूरो विभाग में नहीं रहे. यह विभाग अब नए डॉक्टरों के भरोसे हो गया है. यह मरीजों और उनके परिजनों के लिए अच्छी सूचना नहीं हैं. सदर और रिम्स के भरोसे ही उन्हें रहना होगा.
कुछ और डॉक्टर कतार में
द न्यूज पोस्ट ने 15 मार्च को डॉ संजय कुमार के इस्तीफे के बाद ही बता दिया था कि हफ्ते भर के अंदर मेडिका से और भी कई डॉक्टर पल्ला झाड़ने वाले हैं. डॉ मिंज के इस्तीफे के बाद द न्यूज पोस्ट की इस खबर पुष्टि हो गई. जानकारी के मुताबिक इसी महीने कुछ और डॉक्टर मेडिका छोड़ सकते हैं.
दूसरे राज्यों से भी इलाज के लिए पहुंचते थे लोग
स्थापना के बाद से झारखंड में मेडिका आस का नाम हो गया था. पूरे सूबे से ही नहीं पड़ोसी राज्यों से भी मेडिका में इलाज के लिए लोग आते हैं. ऐसे में बड़ा सवाल उन मरीजों के लिए है जिनके परिजन जैसे तैसे पैसे का जुगाड़ कर भी मेडिका पहुंचते थे और परिजनों का स्वस्थ वापस ले जाने की उम्मीद रखते थे. खास कर दुर्घटनाग्रस्त लोगों के लिए मेडिका का न्यूरो विभाग भरोसे का दूसरा नाम था.
पहले इन्होंने छोड़ा मेडिका का साथ
पिछले कुछ समय से मेडिका से डॉक्टरों के छोड़ने का एक सिलसिला सा बन गया है. फाउंडर डायरेक्टर डॉ संजय कुमार, जाने माने कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. दीपक गुप्ता, हार्ट स्पेशलिस्ट डॉ. अनुपम सिंह और डॉ अत्री ने भी इससे पहले सुपर स्पेशलिटी मेडिका अस्पताल से किनारा कर लिया था. इन डॉक्टरों ने प्रबंधन की किचकिच को मुख्य वजह बताई थी. बहरहाल डॉ मिंज के मेडिका छोड़ने की वजह सामने नहीं आई है. पर अस्पताल सूत्रों की माने तो इस बार भी वजह प्रबंधन है.
Recent Comments