दुमका(DUMKA): जिले के शिकारीपाड़ा थाना की पुलिस ने सरसाजोल निवासी दयामय मंडल को गिरफ्तार कर कोर्ट में प्रस्तुत किया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. जिस मामले में दयामय मंडल की गिरफ्तारी हुई है वह मामला अपने आप में काफी चौंकाने वाला है. दरअसल, शिकारीपाड़ा प्रखंड के मध्य विद्यालय सरसाजोल के पुराने भवन में एक निजी आवासीय विद्यालय का संचालन महीनों से हो रहा था. इसका खुलासा कल तब हुआ, जब दुमका डीसी रविशंकर शुक्ला पंचायत चुनाव के मद्देनजर शिकारीपाड़ा प्रखंड के भ्रमण पर थे. भ्रमण के दौरान वे सरसाजोल भी गए. जहां उनकी नजर मध्य विद्यालय सरसाजोल पर पड़ी. डीसी विद्यालय परिसर पहुंच गए. वहां उन्हें पता चला कि मध्य विद्यालय सरसाजोल के पुराने भवन में एक निजी आवासीय विद्यालय का संचालन हो रहा है. जानकारी मिलते ही डीसी ने संबंधित अधिकारियों को पूरे मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही का निर्देश दिया.

डीसी के निर्देश पर मचा शिक्षा-विभाग में हड़कंप

डीसी के निर्देश मिलते ही शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया. विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने पूरे मामले की लिखित शिकायत प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी से की, जिसके आलोक में प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी ने इस बाबत शिकारीपाड़ा थाना में नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई. इसमें बताया गया कि पाकुड़ जिले का रहने वाला निशांत हेंब्रम निजी आवासीय विद्यालय का संचालन कर रहा है और इसके बदले में वह गांव के दयामय मंडल को बतौर किराया 35 रुपए प्रतिमाह भुगतान करता है. दर्ज प्राथमिकी के आधार पर शिकारीपाड़ा थाना की पुलिस ने आज दयामय मंडल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया जबकि विद्यालय संचालक निशांत हेमब्रम अब भी फरार है.

रिपोर्ट: पंचम झा, दुमका