बोकारो| तीन दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं। कहीं नदियां उफान पर थी तो कहीं सड़कें नदी में तब्दील हो गयी। कई इलाकों में बारिश के पानी से जलजमाव की स्थिती उत्पन हो गयी थी, ऐसे में कहीं जलमग्न जगहों के कारण स्थानीय लोगों को आवागमन में दिक्कत हो रही थी, तो कहीं जलजमाव के कारण बिल्डिंग की सभी गाड़ियां पानी में लुप्त होती नज़र आ रही थी। तीन दिनों के भारी बारिश ने मानो जैसे पूरे राज्य को अस्त-व्यस्त कर दिया था। लोग अपने-अपने घरों में बंद होने पर मजबूर हो गए थे और ना जाने कितनों ने इस बे मौसम बारिश को मन ही मन कोसा भी होगा।
लौटी चेहरों पर मुस्कान,छायी राहत की लहर...
किसान ना जाने कब से इस बारिश का इंतज़ार कर रहे थे। भगवान ने तो मानो जैसे इनकी मन की इच्छा को पूरा कर दिया हो । सभी किसान भाई-बहन को मानसून के दिनों में मायूसी का सामना करना पड़ा था। इस वर्ष मानसून के महीनों में सही मात्रा में बारिश ना होने से परेशान किसानों में अब राहत की लहर उठी हैं। तीन दिन से हो रही मूसलाधार बारिश ने इनकी चिंता को अब ख़त्म कर दिया हैं। बिना पानी जुताई कैसे हो इसकी चिंता से अब सभी किसान मुक्त होते दिखाई दे रहे हैं। अच्छी बारिश के कारण अब इनके चेहरे में रोनक लौट आयी हैं। इस बारिश के चलते अब किसानों के खेत की जुताई होने लगे हैं। बोकारो में किसान खेतों में हल चलाते हुए देखे जा रहे हैं तो कहीं ट्रैक्टर के जरिए जुताई का काम कर रहे हैं ताकि खेतों में ज्यादा से ज्यादा धान रोपने का काम किया जा सकें। इसके लिए क्षेत्रों में बड़ी संख्या में मजदूर भी लगे हुए हैं। बोकारो जिले के अंतर्गत चास प्रखंड में धान रोपने का कार्य शुरू हो गया है जिसमें किसान काफी ज्यादा खुश है जो कि पानी ना होने के कारण बहुत ही दुखद स्थिति में थे। राज्य के पिंड्राजोरा इलाका में किसान धान रोपते हुए देखे जा रहे है और वे बहुत ही खुशी से धान रोपनी का कार्य करते दिख रहे हैं।
धान रोपनी करना हुआ आसान...
किसानों का कहना है कि पहले बारिश नहीं हो रही थी ऐसे में खेतों में पानी नहीं था, और धान रोपनी कैसे होती ये चिंता का विषय बना हुआ था।लेकिन जिस तरीके से लगातार तीन दिनों से बारिश हुई है अब धान रोपनी शुरू हो जाएगी, साथ ही खेतों में पानी भर जाने से अब धान रोपनी करना आसान भी हो गया है।
रिपोर्ट: चुमन कुमार, बोकारो/श्रेया गुप्ता
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