चाईबासा(CHAIBASA)-पश्चिम सिंहभूम जिले के सारंडा के बीहड़ थालकोबाद में पूर्व नक्सली विजय होनहागा की सांप के काटने से मौत हो गयी. बताया जा रहा है की बीते रात उसे सांप ने काट लिया था. बीहड़ जंगल में सांप के काटे जाने के बाद विजय होनहागा जिंदगी के लिए छटपटाते रहा, लेकिन उन्हें ईलाज नहीं मिल पाया और इसी दौरान शरीर में जहर फैल जाने से  थोडी देर बाद ही उसकी मौत हो गयी.

समाज की मुख्य धारा में लौट करता था मजदूरी

वर्षों पहले विजय होनहागा भाकपा माओवादी का खूंखार एरिया कमांडर था. उसके नाम मात्र से पूरे सारंडा में खौफ हुआ करता था. लोगों के बीच उसका डर इतना था की सारंडा में उसकी तूती बोलती थी. लेकिन समय के साथ-साथ उसका भी मन बदला और माओवादी संगठन से मोह भंग होने के बाद उसने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करते हुए समाज की मुख्यधारा में लौट आया. वह अपने गाँव थालकोबाद में ही मजदूरी का काम कर जीवन यापन कर रहा था.

थालकोबाद में सांप के काटने से यह पहली मौत नहीं है

समाज की मुख्य धारा में लौटे विजय होनहागा की आगे की जिंदगी सारंडा के बीहड़ थालकोबाद में आभाव में बिता. बता दें कि थालकोबाद में अब भी स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव है. एम्बुलेंस तो छोड़िये यहां के लोगों को सर्दी-जुखाम में छोटी सी दवा की खुराक भी नहीं मिल पाती है.थालकोबाद में सांप के काटने से यह पहली मौत नहीं है यहां इससे पहले भी सांप के काटने से कई लोगों की जान जा चुकी है. बताया जाता है कि विजय होनहागा को सही समय पर चिकित्सा सुविधा मिली होती तो शायद उसकी जान बच सकती थी. विजय होनहागा की मौत के बाद उसके परिवार में मातम का माहौल है.

रिपोर्ट: जय कुमार,चक्रधरपुर,प0सिंहभूम