धनबाद(DHANBAD) : कोयलांचल में पॉलिटिक्स' का खेल देखना हो तो आ जाइए शहर के कम्बाइड बिल्डिंग से सटे गांधी चौक पर. इससे भी लोकेशन नहीं सनझ पाए है ,तो और सरल भाषा में कहा जा सकता है, सिटी सेंटर के ठीक सामने. वैसे तो महापुरुषों की प्रतिमा लगाने में राजनीति यहां के लिए पुरानी बात है. जितनी तेजी प्रतिमा लगा कर वाहवाही लूटने में दिखाई जाती है, उसका एक अंश मात्र भी रखरखाव में नहीं देखने को मिलता है. ताजा मामला आया है सिटी सेंटर चौक पर लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा लगाने को लेकर. दरअसल ,2 अक्टूबर को यहां लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा लगाई गई. उस समय लगा कि चलिए पहली बार धनबाद में लाल बहादुर शास्त्री जी को सम्मान मिल रहा है. आयोजकों के इस प्रयास की मुक्त कंठ से तारीफ भी हुई. लेकिन अब पता चला है कि यह पूरा खेल तो 'राजनीति में पॉलिटिक्स ' का था. जरा सोचिए ,सदा जीवन ,उच्च विचार सहित जय जवान, जय किसान का नारा देने वाले शास्त्री जी को भी राजनीति में घसीटने का कैसे कुत्सित प्रयास किया गया. उनके इस कुत्सित प्रयास का कितना राजनितिक लाभ मिला ,यह तो धनबाद की जनता समय पर बताएगी लेकिन अभी इसकी चर्चा खूब हो रही है. लोग चटखारे के साथ जितनी मुंह ,उतनी बातें कर रहे हैं.
अब राजनीति का खेल देखिए
ठीक उसी स्थान पर पर्यावरण दिवस के मौके पर 5 जून 2007 को आदिवासी महिला (जो माथे पर बोझ उठाए और हाथ में ग्लोब लिए वनदेवी की तरह दिखती हैं) की प्रतिमा लगाई गई थी. शिलापट्ट के अनुसार इसका लोकार्पण तब के कांग्रेसी सांसद ददई दुबे ने किया था. पट्ट में वर्तमान सांसद पीएन सिंह का भी नाम अंकित है,जो उस वक्त धनबाद के विधायक हुआ करते थे. धनबाद के प्रदूषित पर्यावरण को ठीक करने और लोगो में जागृति लाने की मंशा से शहर के मुख्य चौराहे पर इस प्रतिमा लगाई गई थी. यह सन्देश शिल्ला पट्ट में भी अंकित है।
2 अक्टूबर को क्या हुआ
उस चौक के ठीक पास ही गांधी जी की आदमकद प्रतिमा लगी है. लोग उन्हें श्रद्धांजली देने पहुंचे. उसके बाद आदिवासी महिला की प्रतिमा के ठीक आगे शास्त्री जी की प्रतिमा का लोकार्पण धनबाद के विधायक राज सिन्हा ने किया. शिलापट्ट में लिखा गया कि सांसद पीएन सिंह की गरिमामयी मौजूदगी में विधायक ने लोकार्पण किया. कांग्रेस वालो का कहना है कि आदिवासी महिला की प्रतिमा का लोकार्पण कांग्रेस के सांसद ने किया था, इसलिए आगे में शास्त्री जी की प्रतिमा लगा भाजपाई अपना नाम लिखवा लिए. .उनका कहना है कि लगाने वालों का प्रयास तो अच्छा था, लेकिन उनकी नियत ठीक नहीं थी. क्योकि अगल बगल में जगह की कोई कमी नहीं थी. रणधीर वर्मा चौक तक निगम ने जो फेंसिंग कर बागवानी कराई है, उसमें लाल बहादुर शास्त्री जी की प्रतिमा लगवाई जा सकती थी. भाजपा वालों को समझ में यह बात नहीं आ रही थी, तो उन्हें चर्चा कर लेनी चाहिए थी.
किसने लगवाई प्रतिमा
आदिवासी महिला की प्रतिमा धनबाद जिला टिम्बर संघ के सौजन्य से लगी थी. लोकार्पण के समय उस समय के वन प्रमंडल पदाधिकारी संजीव कुमार भी मौजूद थे.शास्त्री जी की प्रतिमा लाल बहादुर स्मारक समिति ने लगवाई है और इसके अध्यक्ष है निर्वतमान पार्षद अशोक पाल. अशोक पाल भाजपा से जुड़े है और विधायक ,सांसद के समारोह में अक्सर देखे जाते है.
रिपोर्ट : अभिषेक कुमार,ब्यूरो हेड (धनबाद )
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