रांची (RANCHI) : नवरात्रि चल रहा है. इसके बाद भी कई त्यौहार इन दो महीनों में हैं जिसमें लोग व्रत भी रखते हैं. बेशक व्रत आसान नहीं, पर आस्था ही व्रत की शक्ति भी देती है. अध्यात्मिक फायदों के अलावा नि:संदेह व्रत शारीरिक-मानसिक फायदे भी हैं. पर इससे भी इंकार नहीं कि पूजा अर्चना हर मायने में तब अधिक सार्थक और बिना बाधा की होगी, जब व्रत के दौरान लेने वाले आहार को लेकर हम सजग रहेंगे.  बिना किसी कमजोरी-बीमारी के व्रत बरकरार रखने और पूजा करने के लिए भी हमें अपनी थाली पर ध्यान देना होगा.  रांची की आहार विशेषज्ञ डॉ मनीषा घई से बात कर हमने जुटाई आपके लिए कुछ खास जानकारी.

पानी लें भरपूर 

निर्जला उपवास से बचने की सलाह आहार विशेषज्ञ देते हैं. इससे शरीर में पानी की कमी हो जाती है और शरीर से गंदगी बाहर नहीं निकल पाती. बकौल डॉ मनीषा घई, चैत्र नवरात्र गर्मियों के मौसम में होता है. इस मौसम में पानी भरपूर लेने की हिदायत दी जाती है. पानी में नींबू मिलाया जा सकता है. कुछ लोग शहद भी मिलाते हैं, पर शहद की शुद्धता को लेकर आश्वस्त हों, तभी ‘शहद का सेवन करें.

चीनी कम

आहार विशेषज्ञ डॉ मनीषा घई कहती हैं कि व्रत के दौरान हम हलवा, खीर, दूध, दही आदि में भरपूर चीनी ले लेते हैं. लेकिन चीनी कम लेना ही बेहतर है. मिठास के लिए चीनी की बजाय खजूर, गुड़, फलों को मिलाना बेहतर परिणाम देता है.

गरिष्ठ भोजन से बचें

आमतौर पर व्रत के दौरान फ्राइड और घी से भरपूर चीजें हम लेते हैं जो शरीर के लिए नुकसानदायक है. डॉ घई कहती हैं कि व्रत के दौरान कुट्टू या सिंघाड़े की पूरी या हलवा की बजाय उसकी रोटी बनाकर खाएं. कुछ जगहों पर इन दिनों बिना तेल की रोटी नहीं खाई जाती. ऐसे में सब्जियां डाल कर कुट्टू के आटे का चीला बना कर खाना बेहतर विकल्प है. एक बार ज्यादा खाने की बजाया दिन भर में चार-पांच छोटी खुराक लें. हलवा-पूरी की जगह मौसमी फलों को तरजीह दें. व्रत के दौरान आलू का सेवन खूब होता. कभी फ्राई करके तो कभी सब्जी में तो कभी हलवा बना कर. डॉ घई कहती हैं, आलू के विकल्प के तौर पर लौकी का इस्तेमाल बेहतर रहेगा. इसी तरह खीरा में भी कैलोरी नहीं लेकिन पानी 95 प्रतिशत मिल जाता है.

 फलों का रस/नारियल पानी

व्रत निर्विध्न रूप से और बिना समस्याएं खड़ी किए पूरा हो, इसलिए इस दौरान भरपूर मात्रा में फलों का रस और नारियल पानी पीने की सलाह आहार विशेषज्ञ देते हैं. बकौल डॉ घई, नारियल पानी में भरपूर मात्रा में सोडियम और पोटैशयिम होता है. व्रत के दौरान नारियल पानी इसकी कमी पूरी करता है. पर पेय पदार्थ के रूप में चाय कॉफी का अधिक सेवन नहीं किया जाना चाहिए.

दूध – दही

पाचन बेहतर रखने, रोग से लड़ने की क्षमता बढ़ाने और कैल्शियम के लिए व्रत के दौरान खासतौर पर दूध दही का अधिक सेवन किया जाना चाहिए. दिन के खाने के साथ एक कटोरी दही और रात के भोजन के साथ 200 एमएल दूध इस जरूरत को पूरा करेगा. दिन या रात के खाने में  गरिष्ठ तरीके से बनाए गए चावल की जगह दही चावल लेना स्वास्थकर विकल्प है.

मौसमी फल, सलाद और सूप

व्रत के दौरान जितने भी आहार लिए जाते हैं, उनमें मौसम के फल सबसे बेहतर माने जाते हैं. फलों पर सेंधा नमक, कालीमिर्च आदि डालकर चाट बना सकते हैं. खाने में खीरा-टमाटर आदि का सलाद भी भरपूर लें. रात के भोजन में मनपसंद सब्जियों का सूप एक बेहतर विकल्प है.

यह हो सकता आपका डाइट प्लान

  •          सुबह गुनगुने पानी के साथ 12 से 16 दाना बादाम या अखरोट.
  •          लंच से पूर्व खीरा, मौसमी फल का रस या नारियल पानी
  •          लंच में कुट्टू या सिंघाड़े के आटे का चीला/रोटी या एक कटोरी ऋषि चावल, एक कटोरी दही, एक कटोरी  सब्जी,
  •          रोस्टेड मूंगफली और गुड़ के साथ शाम की चाय
  •          रात में साबूदाने की खिचड़ी के साथ 200 एमएल दूध और थोड़े खजूर.

(जैसा कि न्यूट्रीशन एक्सपर्ट डॉ मनीषा घई ने फोन पर द न्यूज पोस्ट को बताया)