धनबाद (DHANBAD) : दुर्गा पूजा '2021 कोयलांचल में आयोजन की भव्यता जरूर कम है लेकिन उत्साह में कोई कमी नहीं दिख रही है. माता दुर्गा की मूर्ति छोटी है, ,पंडाल छोटे हैं लेकिन भीड़ कम नहीं है. ट्रैफिक संभालने में पुलिस के पसीने छूट रहे हैं. The news post के ब्यूरो हेड अभिषेक कुमार सिंह ने धनबाद के प्रसिद्ध झारखंड मैदान ,हरिमंदिर ,जिला परिषद बंगाली कल्याण समिति और हाउसिंग कॉलोनी पूजा पंडाल का जायजा लिया जहां पूजा पंडाल और मां दुर्गा के अलग अलग स्वरूप व विविध रंग देखने को मिले. 


धनवर्षा से बाजार गुलजार


बोनस मिलने के बाद कोयलांचल के बाजार पूरी  तरह से गुलजार है. .बीसीसीएल,डीवीसी ,रेलवे,टिस्को ,माइंस डिवीज़न सहित छोटे बड़े उद्योग ने बोनस का भुगतान पहले ही कर दिया है. पिछले साल कोरोना के कारण पूजा का  उत्साह और परिस्थितिया प्रतिकूल थी. इस साल भी तीसरी लहर की चर्चा के बीच पूजा हो रही है.  फाकाकशी की जिंदगी  जी रहे दुकानदार भी इस साल उत्साहित दिख रहे हैं. पूंजी लगाकर स्टॉक बढ़ाया है. पूजा के शुरुआती काल  से ही खरीदारों की भीड़ बता रही है कि छोटे बड़े सभी कारोबारियों के साथ कोयलांचल की अर्थव्यवस्था भी पैसा आने से पटरी पर लौटेगी. बड़े दुकानदारों के चेहरे पर चमक लौट आई है.


 खरीदार बढ़े तो बाजार भी फैला  


अगर केवल बोनस की ही बात की जाए तो बाजार में 400 करोड़ की राशि आयेगी. एक अनुमान के अनुसार बीसीसीएल से बोनस के मद में 275 करोड़ ,टिस्को माइंस डिवीज़न से लगभग 22. 75 करोड़, धनबाद रेल मंडल से 35 करोड़, अन्य छोटी बड़ी निजी इकाइयों से 50 करोड़ की रकम बाजार को ऊर्जा देगी. कोयला उद्योग की बात करें तो बोनस की राशि में लगातार इजाफा होते आया है. 2004 में जहां बोनस की रकम 3300 थी, वह बढ़ते बढ़ते 2021 में 72 500 हो गई है. यह बात अलग है कि 1970 -72 में धनबाद ज़िले की आबादी  जहां 11. 50 लाख के आसपास थी, वह अब बढ़कर 28 लाख के पार  पहुंच गई है. आबादी  के साथ बाजार भी तेजी से फैला है.


ऑफर की है भरमार


खरीदारों को अपने उत्पाद की ओर खींचने के लिए कंपनी वालों ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी है. प्रोडक्टों पर ऑफर की बहार है. कम्पनियां भी यह जानती हैं कि बोनस के पैसे का उपयोग लोग अपना स्टेटस बढ़ाने के लिए ही करते हैं. इसमें हकीकत भी है. इसलिए भी इस अवसर का लाभ उठाने में कम्पनियां कभी पीछे नहीं रहती. कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि पूजा में कोयलांचल का बाजार बम बम कर रहा है. 


कोयलांचल की यह भी एक सच्चाई 


यहां बीसीसीएल ,डीजीएमस ,रेलवे जैसे केंद्रीय संस्थान  हैं तो राज्य सरकार के भी कार्यालय हैं. इनके कर्मचारियों की हैंडसम सैलरी है. लेकिन असंगठित क्षेत्रों  में काम करने वालो या ग्रामीण इलाकों में रहने वालो की संख्या भी कम नहीं है. यह संख्या भी 16 लाख के पार है. उन्हें हाई पेड सैलरी वालों के साथ खड़ा होना और जिंदगी की गाड़ी खींचना बहुत कठिन हो जाता है. पेट्रोल,डीजल सहित कुकिंग गैस की लगातार बढ़ती कीमत ने सबका जायका बिगाड़ दिया है. मौसम की मार के चलते हरी सब्जिओ में तो आग लगी हुई  है.