रांची (RANCHI) - JPSC के पूर्व अध्यक्ष अमिताभ चौधरी के निधन के बाद आवास पर करीबियों का तांता लगा हुआ है. पूजा करने के बाद पैर फिसलने से गिर जाने के बाद हार्ट अटैक आने से निजी अस्पताल ले जाया गया. जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
251दिनों में 252 अधिकारी दिए
JPSC की प्रभारी अध्यक्ष डा. अजिता भट्टाचार्य ने पूर्व अध्यक्ष के पार्थिव शरीर को देखने पहुंची उनके कार्यकाल को याद करते हुए कहा कि जेपीएससी उनका स्वर्णिम कार्यकाल को हमेशा के लिए याद करेगा और यह अपूर्णिय क्षति की भरपाई नहीं हो पाएगी. उन्होंने 251 दिनों में 252 पदाधिकारियों की नियुक्ति कराई. असिस्टेंट इंजीनियर की नियुक्ति प्रक्रिया को भी आगे बढ़ाने का कार्य किया, रुकी हुई सभी प्रोमोशन की प्रक्रिया में भी तेजी लाई. विभाग के कार्यों के लिए हमेशा तत्पर रहते थे और समय के पाबंद डाक्टर चौधरी खाने के भी बड़े शौकीन थे.
एक पुत्र और एक पुत्री अपने पीछे छोड़ गए
विभाग आने के बाद जमकर 10घंटे कार्य करते थे. डा. चौधरी के दो बच्चे हैं. उनकी पुत्री नियति चौधरी रांची के सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड में इंटरनेशनल रिलेशन विभाग में असिस्टेंट प्रोफ़ेसर के पद पर कार्यरत हैं, और उनके पुत्र सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करते हैं. दोनों की अभी शादी नहीं हुई है. डाॅ. अमिताभ चौधरी की पत्नी भी फिलहाल रांची में ही हैं. इस अपूर्णिय क्षति का भरपाई मुश्किल है.
खेल जगत में अमूल्य योगदान
खेल जगत में अमिताभ चौधरी ने झारखंड को अंतरराष्ट्रीय स्तर का स्टेडियम दिलाया है. राज्य से कई खिलाड़ियों को खेलने का मौका दिलाया. इस योगदान को खेल जगत कभी नहीं भूलेगा. जेएससीए से आईसीसी तक का सफर अमिताभ चौधरी का स्वर्णिम सफर में से एक रहा.

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