धनबाद (DHANBAD) : तो क्या पश्चिम बंगाल में भाजपा को बड़ा झटका लगने वाला है. 2026 के चुनाव के पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी सक्रिय हैं, तो भाजपा भी कम सक्रिय नहीं है. भाजपा के पूर्व सांसद और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष पर सबकी निगाहें टिकी हुई है. हालात बने हैं कि वह भाजपा छोड़ सकते है. बंगाल सरकार के निमंत्रण पर दीघा में निर्मित जगन्नाथ मंदिर के लोकार्पण समारोह में शामिल हुए दिलीप घोष फिलहाल बंगाल में भाजपा नेताओं की आलोचना झेल रहे है. हालांकि उन्होंने आलोचना का जवाब भी दिया है और कहा है कि उनके नेतृत्व में ही पार्टी का बंगाल में विकास हुआ. फिलहाल "दलाल" किस्म के लोग पार्टी को बंगाल में पतन की ओर ले जा रहे है. दिलीप घोष अपनी पत्नी रिंकू मजूमदार के साथ मंदिर के लोकार्पण समारोह में बुधवार को शामिल हुए थे. उन्होंने वहा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से भी मुलाकात की थी.
दिलीप घोष ने भी बताया है कि क्यों गए थे लोकार्पण कार्यक्रम में
दिलीप घोष ने कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि बंगाल में भाजपा की आज जो स्थिति है, वह उनके राज्य का अध्यक्ष रहते हुए बनी है. इसके लिए 250 से अधिक पार्टी के कार्यकर्ता अपनी कुर्बान दी है. लोगों ने मुझ पर भरोसा किया था, लेकिन जब से कुछ "दलाल" किस्म के लोग पार्टी में शामिल हुए है. तब से पार्टी पतन की ओर जा रही है. उन्होंने दीघा के समारोह में शामिल होने पर कहा कि पार्टी ने मुझे आमंत्रण अस्वीकार करने को नहीं कहा था. मुझे न्योता मिला था, इसलिए वहां गया. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी अपनी पार्टी नेताओं को महाकुंभ नहीं जाने के लिए कहा था. फिर भी बहुत लोग गए, तो क्या उन्होंने कोई अपराध कर दिया? मंदिर का निर्माण किसने कराया, यह महत्वपूर्ण नहीं है. लोग वहां इसलिए जाते हैं, क्योंकि वहां देवी-देवताओं की पूजा होती है. इधर, तृणमूल कांग्रेस भी दिलीप घोष के पक्ष में खड़ी हुई दिखती है. तृणमूल कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि भाजपा दिलीप घोष का विभिन्न तरीके से अपमान करती आई है.
दिलीप घोष को लेकर अटकलों का बाजार क्यों हुआ गर्म
दिलीप घोष की हमारे साथ राजनीतिक प्रतिद्वंदिता हो सकती है, लेकिन उनकी भगवान जगन्नाथ के साथ कोई प्रतिद्वंतिता नहीं है. कुल मिलाकर देखा जाए तो दिलीप घोष का दीघा में नवनिर्मित जगन्नाथ मंदिर के लोकार्पण कार्यक्रम में जाने के बाद से ही अटकलों का बाजार गर्म हो गया है. वहां पहुंचे दिलीप घोष से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुलाकात की थी. दिलीप घोष पत्नी के साथ मुख्यमंत्री से भेंट की थी. उसके बाद से यह कयास लगाए जाने लगे हैं कि बंगाल में दिलीप घोष के रूप में भाजपा का एक बड़ा विकेट गिरने जा रहा है. वह तृणमूल कांग्रेस में जा सकते है. 2025 में बिहार विधानसभा का चुनाव होगा तो 2026 में बंगाल विधानसभा का चुनाव संभावित है. बंगाल विधानसभा का चुनाव भाजपा के लिए बड़ी बात होगी तो ममता बनर्जी को भी अपने किले को बचाए रखना कम महत्वपूर्ण नहीं होगा. देखना है आगे-आगे होता है क्या?
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो
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