रांची (RANCHI): घंटी आधारित अनुबंध सहायक प्राध्यापकों की सेवा रेगुलराइजेशन करने, इसके लिए स्टेच्युट बनाने और टर्मिनेट शिक्षकों की सेवा बरकरार करने जैसी अनगिनत मांगों को लेकर अब शिक्षकों ने सड़क पर उतरने का मन बना लिया है. दरअसल इनका कहना है कि वे पहले भी सूबे के राज्यपाल और मुख्यमंत्री से अपनी समस्याएं साझा कर चुके हैं, लेकिन उन्हें आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला है. इसलिए आंदोलन और प्रदर्शन करना उनकी मजबूरी है. ये बातें आज रांची के बिहार क्लब में झारखंड सहायक प्राध्यापक (अनुबंध संघ रांची (झारखंड) के नेताओं ने कहीं.
राजभवन के समक्ष 28 जुलाई से धरना
राज्य के संघ से जुड़े नेताओं ने बताया कि वे अपनी मांगों को लेकर राजभवन के समक्ष 28 जुलाई से 6 अगस्त तक धरना- प्रदर्शन करेंगे। उनका आयोजन मौन होगा. इसका नाम याचना रखा गया है, जिसके माध्यम से वे राज्यपाल और मुख्यमंत्री से याचना करेंगे कि उनकी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर उनकी परेशानियों का समाधान किया जाए. सहायक प्रोफेसरों का कहना है कि इंटरव्यू और शैक्षणिक अंक के प्राप्तांक के आधार पर तैयार मेरिट लिस्ट के अनुसार एफिलिएटेड महाविद्यालय तथा विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर विभागों में लगभग 800 घंटी आधारित संविदा सहायक प्राध्यापक पिछले साढे 4 वर्षों से सेवा दे रहे हैं, जिनकी पैनल अवधि का विस्तार 31 मार्च 2022 तक के लिए किया गया है. राज्य में अल्प समयावधि 30 सितम्बर तक के लिये की गई है.
3064 पद अभी भी हैं खाली
राज्य में असिस्टेंट प्रोफेसर पद के कुल 4566 पद स्वीकृत हैं. जिनमें 3064 पद खाली हैं. 1363 पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया अभी भी प्रक्रियाधीन है. प्रक्रियाधीन नियुक्ति उपरांत भी कुल 17 01 पद रिक्त रह जाएगा. उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के अनुसार कुल अतिरिक्त खाली पद 4181 है. इसके अतिरिक्त वर्ष 2018 से लेकर अब तक सैकड़ों असिस्टेंट प्रोफेसर रिटायर हो चुके हैं. राज्य में छात्र शिक्षक अनुपात भी UGC मानक के अनुरूप नहीं है.
असिस्टेंट प्रोफ़ेसर नियुक्ति नियमावली में UGC रेगुलेशन 2018 को यथावत रखा जाय
उनकी मांग है कि सहायक असिस्टेंट प्रोफ़ेसर नियुक्ति नियमावली में UGC रेगुलेशन 2018 को यथावत रखा जाय. संशोधित नियमावली से Naac ग्रेडिंग के आधार पर PhD की डिग्री पर 15 अंक तथा राज्य के शैक्षणिक कार्य में संलिप्त अभ्यर्थी को अनुभव के आधार पर प्रतिवर्ष 1अंक में असमानता लाकर इन्हे राज्य में ही वंचित किया जा रहा है.
इनकी प्रमुख मांगें हैं
1. उच्च शिक्षा विभाग, झारखंड सरकार के संकल्प संख्या 2 मार्च 2017 के आधार पर नियुक्त घंटी अधारित अनुबंध सहायक प्राध्यापकों के रेगुलराइजेशन के लिए स्टेट्यूट निर्माण.
2. सभी का मानदेय यूजीसी रेगुलेशन के अनुसार निम्नतम ग्रेड पर ग्रॉस सैलेरी तब तक प्रदान की जाए जब तक रेगुलराइजेशन हेतु स्टैचूट निर्माण नहीं होती.
3. टर्मिनेट डिस्कंटीन्यू किए गए घंटी आधारित अनुबंध सहायक प्राध्यापकों की सेवा को बरकरार रखा जाए.
4. असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्ति नियमावली 2021 यूजीसी रेगुलेशन 2018 में असिस्टेंट प्रोफेसर पद हेतु डे अंक तथा पीएचडी अनुभव तथा प्रकाशन पर्दे अंग को यथावत रखते हुए राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों से पीएचडी उपाधि ग्रहण करने वाले तथा शैक्षणिक कार्य में संलिप्त अभ्यर्थियों को प्राथमिकता व वरीयता की मांग की है.

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