रांची/नई दिल्ली: अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका मिला है. उच्चतम न्यायालय ने हेमंत सोरेन को हाईकोर्ट जाने का निर्देश दिया है. कथित जमीन घोटाले मामले में ईडी ने करीब आठ की पूछताछ के बाद पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया है. इसी गिरफ्तारी के विरोध में हेमंत सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. गिरफ्तारी के खिलाफ हेमंत सोरेन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इंकार कर दिया. अदालत ने कहा सुप्रीम कोर्ट सीधे इस मामले की सुनवाई नहीं करेगी. आप पहले हाईकोर्ट जाएं. हेमंत सोरेन से सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि आप उच्च न्यायालय क्यों नहीं जा रहे हैं? इस पर हेमंत के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि यह मामला एक मुख्यमंत्री से संबंधित है, उन्हें गिरफ्तार किया गया है.  सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सभी के लिए अदालते खुली हैं. हाईकोर्ट एक संवैधानिक अदालतें हैं. आप वहां ही जाएं.

बता दें कि इससे पहले गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता हेमंत सोरेन की याचिका पर सुनवाई के लिए तीन न्यायाधीशों की एक विशेष पीठ का गठन किया था. न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति एम. एम. सुंदरेश और न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी की पीठ जेल में बंद झामुमो नेता की याचिका पर सुनवाई करेगी. शीर्ष अदालत की अद्यतन वाद सूची के अनुसार, विशेष पीठ का गठन प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ द्वारा किया गया है. उन्होंने दिन में इस बाबत उस वक्त टिप्पणी की थी, जब वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और अभिषेक सिंघवी ने सोरेन की याचिका की सुनवाई के लिए मामले का विशेष उल्लेख किया था.

प्रधान न्यायाधीश ने अधिवक्ताओं को आश्वस्त किया था कि उन्होंने संबंधित याचिका को शुक्रवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है. झारखंड के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद बुधवार रात गिरफ्तार किए गए सोरेन ने मामले में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए सबसे पहले झारखंड उच्च न्यायालय का रुख किया था.

 रिपोर्ट: संजीव ठाकुर