चाईबासा(CHAIBASA): जिला में संचालित कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में हो रही गड़बड़ी का मामला The News Post की टीम ने बड़ी प्रमुखता से उठाया था. जिस पर जिला शिक्षा विभाग ने अब कार्रवाई की है. विभाग ने 21 जुलाई की रात 10:30 बजे एक फरमान जारी किया, जिसमें कहा गया कि चक्रधरपुर, सोनुवा और मनोहरपुर विद्यालय के लेखापाल और वार्डन पिछले तीन साल का ब्योरा लेकर पहुंचें.       

जानें विभाग ने ऐसा क्यों किया

पश्चिमी सिंहभूम जिले में 20 कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय है. जिसमें सामान आपूर्ति के लिए टेंडर निकाला गया था जो विवादों में रहा था. दरअसल, एपेक्स इंटरप्राइजेज, बालाजा ट्रेर्डस, जय अंबे ट्रेर्डस और नमन इंटरप्राईजेज इन चार संवेदक को विद्यालय में सामान आपूर्तिकर्ता के रूप में शिक्षा विभाग नें निविदा लिया था. विभाग के द्वारा दिए गए शर्तो पर नमन इंटरप्राईजेज खरा उतरा और इनका निविदा फार्म को स्वीकार भी कर लिया गया. लेकिन बाद में नमन इंटर प्राईजेज को रिजेक्ट कर दिया गया और बाकी तीनों आपूर्तिकर्ता को बगैर टेंडर किए ही सामान आपूर्ति का जिम्मा दे दिया गया. 

अग्रिम राशि में भी हुआ गड़बड़

वहीं, शर्त के अनुसार सभी सामान आपूर्तिकर्ता को अग्रीम राशि के रूप में 32-32 लाख रूपया जमा करना था लेकिन विभाग नें पहले 32-32 लाख रूपये लिए और फिर 20-20 लाख रूपया तीनों को वापस कर दिया गया, जो नियम के विरूद्ध है. इसके बाद विद्यालयों में सामान आपूर्तिकर्ता व विभाग के पदाधिकारियों के बीच सांठ-गांठ का खेला शुरू हो गया. जिसके बाद 700 रूपया किलो से ज्यादा के दाम पर मछली स्कूल को स्पलाई होने लगी. The News Post ने जब इस खबर को प्रमुखता से चलाया तब उपायुक्त ने मामले को संज्ञान में लेते हुए जांच के आदेश दिए. जांच के लिए तीन लोगों की टीम बनाई गई और एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट सौंपने को कहा गया. मगर 12 दिन हो जाने के बाद भी रिपोर्ट नहीं दी जाती है. तब इसकी खबर दोबारा हमारी टीम चलाती है और इस बार आनन-फानन में शिक्षा विभाग स्कूल के लेखापाल और वार्डन को फाइल के साथ बुलाती है. आपको ये भी बता दें कि पिछले 14 साल से ये कंपनी ही स्कूलों में सामानों की आपूर्ति करते आ रहा है. अब देखने वाली बात ये होगी कि इन कंपनियों पर कार्रवाई कब तक होती है.

ये भी देखें:

कस्तूरबा विद्यालयों में खाद्यान्न-पोशाक सामग्री आपूर्ति में मची है लूट, 720 रुपये किलो मछली की हो रही सप्लाई

रिपोर्ट: संतोष वर्मा, चाईबासा