रांची(RANCHI): हेमंत सोरेन के इस्तीफा देने के बाद राज्य में कोई सरकार नहीं है .वैसे तो यह स्थिति राष्ट्रपति शासन की बनती है लेकिन अभी तक ऐसा कुछ नहीं किया गया है.राजभवन समर्थन पत्र का बारीकी से परीक्षण कर रहा है.चंपई सोरेन को सत्तारूढ़ गठबंधन दल का विधायक दल का नेता चुना गया है जिस दिन मुख्यमंत्री के तौर पर हेमंत सोरेन राज्यपाल से मिलकर अपना इस्तीफा दिया था.उसी दिन समर्थन पत्र भी राज्यपाल को सौंपा गया था जिसमें कहा गया था कि सत्तारूढ़ गठबंधन दल को 47 विधायकों का समर्थन है.
चंपई सोरेन को विधायक दल का नेता चुना गया था.सत्ता पक्ष के लोग व्याकुल हैं कि उन्हें राजभवन से न्यौता नहीं मिल रहा है जबकि उनके पास सरकार बनाने के आंकड़े हैं.सभी की नजर राजभवन पर टिकी हुई है.गुरुवार को भी सत्तारूढ़ गठबंधन विधायक दल के नेता चंपई सोरेन राज्यपाल से मिले.उन्होंने राज्यपाल से मिलने का समय मांगा था.सरकार में शामिल विभिन्न दलों के नेता मिलने गए थे.राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा है कि जल्द ही इस पर विचार कर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
क्या था तकनीकी मामला जरा समझिए
एक महत्वपूर्ण बिंदु यह है कि हेमंत सोरेन ने राज्यपाल को जो समर्थन पत्र दिया और उसके साथ एक पत्र यह भी था कि चंपई सोरेन को सत्ता पक्ष के विधायकों ने अपना नेता चुना है.
अब मामला यहीं फंसा हुआ है अब सवाल यह उठ रहा है कि मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए बैक डेट में विधायक दल का नेता कैसे चुना गया. अगर मुख्यमंत्री 31 जनवरी के बजाय 30 जनवरी कोई यह पत्र दे देते कि चंपई सोरेन विधायक दल के नेता चुने गए हैं तो कहीं कोई समस्या नहीं रहती. उन्हें सरकार बनाने का न्योता दिया जा सकता था. और जब चंपई सोरेन विधायक दल के नेता चुन लिए जाते हैं तो फिर मुख्यमंत्री का पद हेमंत सोरेन के पास कैसे रह सकता है इन तमाम विषयों पर राजभवन विधि विशेषज्ञ और संविधान के जानकारों से मशविरा कर रहा है.इसका जल्द समाधान निकल जाएगा, ऐसी उम्मीद की जा रही है. इसको आप इस तरीके से समझिए कि हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री पद पर हैं यानी वह विधायक दल के नेता हैं जब मुख्यमंत्री नेता बने हुए हैं तो फिर दूसरा विधायक दल का नेता पहले कैसे बन गया.
शुक्रवार को होगा शपथ ग्रहण समारोह
जानकारी के अनुसार राज भवन से यह संदेश चंपई सोरेन को मिल गया है शुक्रवार को चंपई सोरेन शपथ ग्रहण करेंगे. चंपई सोरेन के अलावा आलमगीर आलम, सत्यानंद भोक्ता, मिथिलेश ठाकुर जोबा मांझी मंत्री के रूप में शपथ ले सकते हैं.
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