टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले के श्रीशैलम में निर्माणाधीन टनल में फंसे गुमला के चार मजदूरों को लेकर पूरे जिले में चिंता और भय का माहौल है. परिजन किसी अनहोनी की आशंका जता रहे हैं. फंसे हुए मजदूरों में गुमला जिले के सदर थाना क्षेत्र के तिर्रा गांव निवासी संतोष साहू, घाघरा थाना क्षेत्र के खंभिया कुंबा टोली निवासी अनुज साहू, रायडीह थाना क्षेत्र के कोबी टोली गांव निवासी जगता खेस और पालकोट थाना क्षेत्र के उम्दा नकटी टोली गांव निवासी संदीप साहू शामिल हैं. जैसे-जैसे समय बीत रहा है उनके परिवारों के लोगों की धड़कन और बेचैनी बढ़ती जा रही है.
संतोष की पत्नी बेबसी में भगवान से बार-बार लगा रही गुहार
गुमला जिला मुख्यालय से सटे तिर्रा गांव निवासी मजदूर संतोष साहू की पत्नी संतोषी देवी गहरे सदमे में हैं. पति की सलामती के लिए वह दिन-रात भगवान से प्रार्थना कर रही हैं. घर के आंगन में बैठी संतोषी देवी की आंखें बार-बार दरवाजे की ओर उठती हैं. उनके आंसू थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस दुखद घड़ी में संतोषी देवी की मां भी उनके पास आ गई हैं, जो बेटी को सांत्वना देने की हरसंभव कोशिश कर रही हैं. संतोषी देवी का कहना है कि जब से हादसे की खबर मिली है, उनका दिल बैठा जा रहा है. उन्हें बस एक ही आस है कि उनके पति सुरक्षित लौट आएं. उन्होंने परिजनों को ढांढस बंधाते हुए टनल में फंसे मजदूरों के बचाव कार्यों की जानकारी दी.
अनुज की मां ने बेटे का हाल जानने के लिए पति को भेजा तेलंगाना
घाघरा प्रखंड के खंभिया कुंबाटोली निवासी अनुज साहू तेलंगाना स्थित श्रीशैलम में निर्माणाधीन सुरंग में फंसे हैं. खासकर उनकी मां गायत्री देवी अपने सबसे बड़े और कमाऊ बेटे की कोई संतोषजनक खबर न मिलने से बेहद व्याकुल हैं. परिवार की इस पीड़ा को देखते हुए पड़ोसियों ने घर पहुंच कर भोजन उपलब्ध कराया, लेकिन जिनका बेटा मुसीबत में फंसा हो, उनके लिए निवाला निगलना भी कठिन हो गया. शनिवार सुबह आठ बजे से अब तक अनुज सुरंग में फंसे हुए हैं, लेकिन कोई पता नहीं चल पाया है. इस अनिश्चितता और बेचैनी के बीच ग्रामीणों व रिश्तेदारों का उनके घर पहुंचने का सिलसिला जारी है, जो परिवार को ढांढस बंधाने की कोशिश कर रहे हैं. पूरे परिवार और गांव वाले व्याकुलता से किसी अच्छी खबर का इंतजार कर रहे हैं.
जगता खेस की मां की आंखों में सूख चुके हैं आंसू, बहन का हाल बेहाल
तेलंगाना के टनल हादसे में रायडीह प्रखंड के कोबीटोली निवासी जगता खेस के फंसे होने की खबर से पूरा परिवार सदमे में जगता खेस का अपनी बहन लालमईत देवी से बहुत लगाव था. बहन ने भावुक होकर बताया भइया बचपन से ही संघर्ष कर रहे थे. जब से सयाने हुए तब से घर छोड़कर रोजगार की तलाश में बाहर जाते रहे. हर साल गर्मियों में कुछ महीनों के लिए घर आते थे, फिर रोजी-रोटी कमाने चले जाते. परिवार को यह तो पता था कि वह तेलंगाना में काम कर रहे हैं, लेकिन यह कभी नहीं बताया कि वह एक सुरंग निर्माण में कार्यरत थे. बहन लालमईत देवी ने रोते हुए कहा कि मार्च-अप्रैल में आने की बात थी, लेकिन उससे पहले यह खबर आ गई.
संदीप साहू के घर पर जैसे ही कोई आता है उससे बेटे की कुशलता पूछती हैं मां
तेलंगाना के निर्माणाधीन सुरंग में फंसे पालकोट थाना क्षेत्र के उमड़ा नकटीटोली निवासी संदीप साहू का पूरा परिवार सदमे में है. संदीप की मां बिरसमनी देवी घर के दरवाजे पर बैठी बेसब्री से अपने बेटे के सकुशल लौटने की प्रतीक्षा कर रही हैं. जैसे ही कोई घर के दरवाजे पर आता है. वह दौड़कर बेटे की कुशलता पूछती हैं, लेकिन कोई संतोषजनक जवाब न मिलने पर फूट-फूटकर रोने लगती हैं. बेटे को रोजी-रोटी कमाने बाहर भेजने की अनुमति देने के लिए वे खुद को कोसती रहती हैं. उसकी पीड़ा को देखकर भाई-बहन लगातार उन्हें ढांढस बंधाने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं संदीप के पिता जीतू साहू दिन-रात पूजा-पाठ कर रहे हैं, ताकि बेटे की सलामती की कोई खबर मिले. गांव में मातम पसरा हुआ है. गांव के हर घर से कोई न कोई प्रवासी मजदूर है.
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