पलामू(PALAMAU): मोहम्मदगंज प्रखंड के जंगलों-पहाडों में कुदरत ने कई धरोहर प्रदान किया है, जिनको संरक्षित करने की मांग तेज हो गई है. गुरुवार को विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस के मौके पर लकड़ही पहाड़ में अवस्थित दो छोटे पत्थरों पर टिके हजारों टन वजनी चट्टान के समीप जुटकर रामनगर और राजनडीह के प्रकृति प्रेमी रामजन्म राम, गुड्डू पासवान, रामचंद्र राजवंशी, वीरेंद्र पासवान व राकेश पासवान ने उक्त मांग को बल प्रदान किया. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से ऐतिहासिक भीमचुल्हा को संरक्षित करने के लिए वहां मंदिर, पार्क, वॉच टावर का निर्माण कराया गया है, उसी तरह इसे भी लोगों की आस्था व आकर्षण के लिए पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित बना दिया गया है.
उसी कड़ी में लकड़ही पहाड़ पर अवस्थित अजूबे चट्टान, काशीस्रोत डैम के समीप स्थित पाषाण युग की गुफा, मोहम्मदगंज-महुडंड पथ में स्थित अनवरत प्रवाहित सीताचुआं, गोलापत्थर व नैया पहाड़ के गोल जीवाश्म पत्थर सहित अन्य प्रकृति प्रदत धरोहरों को संरक्षित करने की भी जरूरत है. जिससे इक्को टूरिज्म को बढावा मिलेगा. इससे इस क्षेत्र का विकास भी हो सकेगा, सभी लोगों ने उपायुक्त का ध्यान इस दिशा में आकृष्ट किया है.
रिपोर्ट: जफर हुसैन, पलामू

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