रांची (RANCHI): झारखंड की राजधानी अगर रांची है, तो दुमका उपराजधानी। रांची के राजभवन में कुलाधिपति सूबे के राज्यपाल बैठते हैं, तो  सिद्धो-कान्हो यूनिवर्सिटी के कुलपति दुमका में. लेकिन कुलाधिपति के आदेश की भी यह विश्वविद्यालय धज्जियां उड़ाने से नहीं चूकता. इन दोनों के बीच एक दिव्यांग शिक्षक झूल रहा है. उसका नाम है राजेश कुमार. वही राजेश जो कई बार राजभवन रांची के समक्ष अपनी गुहार लगाने के लिए धरना दे चुके हैं. अभी ही वो 78 दिनों के धरना के बाद चार दिनों पहले राजभवन से एक पत्र लेकर अपनी यूनिवर्सिटी पहुंचे थे. दरअसल वो पहले भी यहां अनुबंध पर क्लास लिया करते थे. पर उन्हें भुगतान नहीं हो रहा था. वहीं उन्हें क्लास लेने से भी मना कर दिया गया था. जब राज्यपाल ने उसे पुन: वर्ग अध्यापन का सरकारी पत्र थमाया तो वो खुशी-खुशी दुमका पहुंचे. लेकिन ये क्या. राजेश को विश्वविद्यालय के गेट पर ही रोक दिया गया और उनके पत्र को गार्ड अंदर लेकर गया. उसके बाद राजेश से कहा गया कि आप एक पत्र लिखें और गार्ड उस पत्र को भी लेकर प्रॉक्टर के पास ले गया। राजेश गेट पर घंटों बाहर खड़े रहे लेकिन किसी ने एक भी नहीं सुनी.  अब राजेश दुमका से रांची पहुंच गए हैं. राजभवन के समक्ष धरना पर बैठ चुके हैं.

राज्यपाल ने दिये थे 1 लाख रुपए

बता दें कि बता दें कि राजेश करीब एक साल तक सिद्धो -कान्हो मुर्मू विश्वविद्यालय में मौखिक आदेश के तहत एक शिक्षक के तौर पर पढ़ा रहे थे. लेकिन उन्हें मानदेय नहीं दिया जा रहा था. मामले को लेकर उन्होंने राजभवन में शिकायत की थी. राजभवन की ओर से उन्हें एक लाख रुपया का भुगतान किया गया था. राजेश मानदेय भुगतान की मांग और दोबारा नौकरी में बहाल करने की मांग को लेकर करीब ढाई महीने से धरने पर थे.

पहले प्रति क्लास 600 रुपए होता था भुगतान

राजेश दुमका में इकोनॉमिक्स विभाग में पूर्व में क्लास लेते थे. 600 रुपए प्रति क्लास उन्हें मिलता था. इकोनॉमिक्स में स्नातकोत्तर हैं और नेट क्वालिफाइड हैं .सिद्धो-कान्हो मुर्मू विश्वविधालय में पीएचडी कर रहे हैं. भीषण गर्मी और बरसात के बाद भी अड़े रहे. THE NEWS POST ने दिव्यांग की खबर को प्रमुखता से कई बार दिखाया था. बता दें कि पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से भी मिल कर राजेश ने अपनी समस्या साझा की थी . जब द्रौपदी मुर्मू बतौर राष्ट्रपति उम्मीद्वार रांची आई थीं तो उन्होंने केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा को मामले को देखने की बात कही थी.